- टंकी तो बन गई लेकिन मुंडेरा बाजार कस्बे में नहीं शुरू हुई वाटर सप्लाई

- बिजली के तारों का है मकड़जाल, तार ही पी जाते हैं आधी बिजली

- सफाई के प्रति भी बेपरवाह है नगर पंचायत, कूड़े-कचरों का लगा हुआ है अंबार

- बच्चों के खेलकूद के लिए पार्क तक नहीं, रोड पर खेलते हैं बच्चे

- नगर की सड़कों पर सांडों का आतंक, कई को पहुंचा चुके हैं अस्पताल

CHAURICHAURA: चौरीचौरा नगर पंचायत की कार्यशैली का नमूना देखना हो तो सीधे यहां के सबसे बड़े बाजार- मुंडेरा बाजार कस्बे में चले आइए। यहां न बच्चों के खेलने के लिए पार्क है, न साफ-सफाई है। 10 साल से पानी की टंकी बनी पड़ी है लेकिन वाटर सप्लाई कभी नहीं हुई। जो बिजली मिलती है, उसमें आधी बिजली तो घरों तक पहुंचने के पहले उलझे हुए तार ही पी जाते हैं। सड़कों की हालत तो और भी बुरी है। लोग वाहन रोड से उतारकर चलना ज्यादा पसंद करते हैं। और तो और, नगर पंचायत कई वर्षो में आवारा पशुओं पर लगाम नहीं लगा सका। खुलेआम नगर की सड़कों पर सांड़ घूमते हैं जो कभी भी किसी राहगीर को मारकर घायल कर देते हैं तो गाडि़यों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। कुल मिलाकर नगर पंचायत सिर्फ टैक्स लेने का काम करती है, विकास रामभरोसे है। विकास के लिए नगर पंचायत को मिले रुपए क्या होते हैं, इसका किसी को पता नहीं।

हाथी का दांत बनी टंकी

नगर पंचायत के मुंडेरा में 10 साल पहले ही पानी टंकी का निर्माण हुआ लेकिन आज भी यहां सिर्फ टंकी ही है। इस टंकी से नगरवासियों को कभी एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ। नगर पंचायत होने के बाद भी लोग गांवों की तरह पानी के लिए हैंडपंप चलाते हैं। नगर पंचायत के पार्षदों का तो कहना ही क्या, चेयरमैन भी नागरिकों के सवालों पर कतराते हैं। नगर की यह स्थिति क्यों हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

रोड पर साड़ों का कब्जा

नगर की सड़कों पर सांड़ों का कब्जा है तो लोगों की छतों पर बंदरों का आतंक। अवारा पशुओं को पकड़ने के मामले में तो नगर पंचायत ने कभी कोई कदम उठाया ही नहीं। लोग अपनी छतों पर जाने से डरते हैं। बंदर नगर के दर्जनों लोगों को काट चुके हैं। कुछ दिनों पहले एक बंदर ने एक बच्चे के पैर में काट लिया था। इससे उसके शरीर में इंफेक्शन फैल गया और उसके पांव कटवाने पड़े थे। इसके बाद भी बंदरों को पकड़ने के लिए नगर पंचायत गंभीर नहीं हुआ। बंदरों की तरह ही सांड़ भी आतंक मचाए हुए हैं। दो वर्षो में दर्जनों लोगों इनकी चपेट में आकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। अब तक दर्जनों लक्जरी गाडि़यों को सांड़ निशाना बना चुके हैं। चालक बैक गियर लगाकर अपनी गाड़ी उनसे बचाते देखे जाते हैं।

न होती सफाई, न रेगुलर फागिंग

नगर पंचायत प्रशासन विकास के हर मोर्चे पर विफल नजर आता है। यहां तक कि नगर में मच्छरों से भी नगर पंचायत की टीम निपट नहीं पाती। वार्डो में फागिंग नहीं होने से मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। जहां फागिंग होती है, कुछ दिन राहत मिलता है लेकिन फिर वही स्थिति हो जाती है। नगर पंचायत में नालें जाम हैं और सड़कों पर कूड़ा कचरा पसरा हुआ है। सफाई के मोर्चे पर भी प्रशासन की विफलता के कारण नगरवासियों का जीना मुहाल है। पोखरी में कूड़ा पटा पड़ा है और बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर रोड पर बहता है। रोड की हालत भी खराब है। नगर की सीमा से भोपा रेलवे क्रासिंग तक जाने वाली रोड टूटी पड़ी है।

कहां खेलें बच्चे?

रोड, पेयजल, बिजली, सफाई हर मोर्चे पर विफल नगर पंचायत को बच्चों की भी चिंता नहीं। स्थिति यह है कि बच्चों के खेलने के लिए एक भी पार्क नहीं है। बच्चे रोड पर खेलते हैं तो वाहनों और सांडों की चपेट में आने का खतरा रहता है। अपनी छत पर खेलें तो बंदरों का आतंक है। बंदर के काटने से एक बच्चे के विकलांग हो जाने के बाद बच्चे और उनके अभिभावक आतंकित रहते हैं। बुजुर्गो के टहलने की भी कोई व्यवस्था नहीं।

बिजली के तार या मकड़जाल

नगर पंचायत क्षेत्र में बिजली के तार ऐसे उलझे हैं जैसे मकड़ी के जाल हों। घरों तक पहुंचने के पहले इन तारों में ही इतनी बिजली कन्ज्यूम हो जाती है कि घरों में पंखे डोलते हैं और बल्ब टिमटिमाते हैं। लो वोल्टेज यहां की स्थाई समस्या है। आए दिन शॉर्ट सर्किट की भी समस्या रहती है। कई जगहों पर जरुरत के अनुसार पोल नहीं हैं। इससे तारों का जाल बना हुआ है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। मगर इसकी चिंता न तो नगर प्रशासन को है और न ही बिजली विभाग के जिम्मेदारों को। अनु लाल, योगेश, गोलू आदि ने बताया कि कई बार तार सही करने के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनता ही नहीं है। ्र

इनकी तो कोई सुनता ही नहीं

नगर पंचायत क्षेत्र के पोखरों, नालों और सड़कों, गलियों की साफ-सफाई होनी चाहिए। जर्जर सड़कें बनायी जाएं।

- मो। इद्रीस खान, नगरवासी

नगर क्षेत्र में शुद्ध पानी नहीं मिल पाना बड़ी समस्या है। टंकी बन गई है तो पानी की सप्लाई भी शुरू होनी चाहिए।

- राजू जायसवाल, मुंडेरा बाजार

बंदरों और सांड़ों से हमेशा बच्चों को खतरा रहता है। आए दिन लोग इनके शिकार होते हैं। इन्हें पकड़कर कहीं दूर ले जाना चाहिए।

- लालचंद पांडेय, नगरवासी

नगर में बच्चों के लिए एक पार्क होना चाहिए। युवाओं के खेलने और बुजुर्गो के टहलने के लिए स्थान की भी चिंता नगर प्रशासन को करनी चाहिए।

- विनोद कुमार लाठी, नगरवासी

नगर क्षेत्र की सड़कें कई वर्षो से टूटी पड़ी हैं। सड़कों पर उड़ती धूल से रोड किनारे दुकानदारों और आम लोगों को परेशानी होती है। रोड बनायी जाएं।

- सुधीर वर्मा, दुकानदार

नगर में मच्छरों का आतंक है। साफ-सफाई होनी चाहिए और रेगलुर फागिंग भी कराई जानी चाहिए।

- धर्मेश कुमार जायसवाल, भोपा

Posted By: Inextlive