भारतीय क्रिकेट टीम को अभी तक खतरनाक बल्‍लेबाजों के नाम से जाना जाता था लेकिन इंडियन टेस्‍ट टीम में कुछ खतरनाक गेंदबाजों ने विरोधी टीम के छक्‍के छुड़ा कर इस बात सिरे से नकार दिया है। इनकी तेजधार गेंदबाजी ने ना सिर्फ विरोधी टीम के बल्‍लेबाजों के हौसले को तोड़ा बल्कि अपनी गेंद की तेजी से उनके हेलमेट को भी तोड़ दिया। भारत टीम के स्पिनर गेंदबाजों का आक्रमण हमेशा से मजबूत रहा है लेकिन अब मैदान में तेजगेंद बाजों की रुतबा भी बढ़ रहा है। जनाब हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के उन दो गेंदबाजों की जिन्‍होंने टेस्‍ट सीरीज के दौरान इंग्‍लैंड की टीम को तोड़ कर रख दिया है।


भारत की गेंदबाजी में आ रही है तेजधारभारतीय क्रिकेट टीम के पिछले कुछ सालों को देखें तो तो शायद ही कभी ये देखने को मिला है जब गेंदबाजों ने 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी फेंकी है। बात अगर इस दौर की करें तो भारत के पास इस वक्त मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे दो ऐसे गेंदबाज हैं जो पिछले कई सालों की कमी को पूरा कर रहे हैं। ये दोनों ही 145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेकते हैं। इंग्लैंड के साथ दूसरे टेस्ट के पहले दिन उमेश यादव ने अपने पेस और सही लेंथ के साथ इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब छकाया था। मोहम्मद शमी ने जिस तरह से एलिस्टेयर कुक को बोल्ड किया वह उनके पेस से भौंचक्के रह गए थे। भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को उस- उस समय पर बाउंसरें फेंकी जब उन्होंने आशा भी नहीं की होगा।


खुद को माहिर करने में जुटे भारतीय गेंदबाज

भले ही ये दोनों वकार युनिस और वसीम अकरम जैसी रिवर्स स्विंग गेंदें फेंकने में माहिर न हों लेकिन हर बीतते दिन के साथ दोनों अपनी गेंदबाजी को धार दे रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में शमी ने बेहतरीन तरीके से गेंद को रिवर्स स्विंग कराया है। उन्होंने फार्म में रह कर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे बल्लेबाजों को आउट किया है। सीरीज के दूसरे मैच में शमी ने रूट को अपनी इसी गेंदबाजी के साथ आउट किया था। उन्होंने शुरू में कुछ आउटस्विंग गेंदें फेंकी थीं। अचानक से शमी ने एक गेंद लेंथ में पीछे फेंक दी और रूट को एल्बीडब्ल्यू आउट कर दिया। उस गेंद में अलग बात ये थी कि शमी ने गेंद को अपने हाथों में छिपाया हुआ था ताकि रूट ये न जान पाएं कि गेंद की चमक किस ओर है और आखिर में उन्होंने रूट को चकमा दे डाला।

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Posted By: Prabha Punj Mishra