GORAKHPUR पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के पांच दिवसीय कार्यकर्ता बैठक के तीसरे दिन क्षेत्र कार्यकारिणी, अवध, काशी, गोरक्ष, कानपुर प्रांत टोली, प्रांत कार्यकारिणी, गतिविधियों पर्यावरण, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, धर्मजागरण, समग्र ग्राम विकास व गो सेवा की प्रांत टोली को सरसंघचालक मोहन भागवत ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि सब समाज को एक साथ लेकर प्रत्यक्ष गांव-गांव जाकर भारतीय जीवन मूल्यों के प्रकाश में इस प्रकार के वातावरण का निर्माण करें। इससे समाज के सज्जन लोग समाज परिवर्तन के लिए चल रही गतिविधियों के साथ जुड़ते चलें। बिना किसी प्रचार व शासन सत्ता के सहयोग से सहज रीति से कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर यथाशीघ्र परिवर्तन का प्रकट रूप खड़ा करें। पूरा समाज सभी प्रकार के आपसी भेदभाव को भूलकर, समाज को सभी विकारों से मुक्त होकर समरस भाव से खड़ा हो।

समाज का टूटा तानाबाना

बैठक में सरसंघचालक ने सभी गतिविधियों में चल रहे कार्य की जानकारी ली। भागवत ने सामाजिक समरसता के कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कहा कि कुछ विकृतियों के कारण समाज का तानाबाना टूटा है। जाति-पाति, विषमता, स्पृष्यता जैसे सामाजिक विकार शीघ्र समाप्त होने चाहिए। समाज का मन बदलना चाहिए। सामाजिक अहंकार और हीनभाव दोनों समाप्त होने चाहिए। लंबे समय से समाज तोड़ कर विपरीत संवाद खड़ा किया जा रहा है। इसको समाप्त करने के लिए सामाजिक समरसता की महती आवश्यकता है।

पर्यावरण के असंतुलन व उसके दुष्प्रभावों से समाज को बचाने के लिए वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त समाज के लिए समाज का प्रबोधन एवं प्रशिक्षण करने के लिए आग्रह किया।

Posted By: Inextlive