शहर की सुरक्षा की दावा करने वाली बनारस पुलिस की साढ़े तीन सौ प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मी की सुरक्षा खतरे में है. पुलिस लाइन स्थित बैरक में छेड़खानी का मामला सामने आया है.

-बैरक में पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने का आरोप लगाते हुए दिया धरना

-छेड़खानी की शिकायत गंभीरता से नहीं लेने का अधिकारियों पर लगाया आरोप

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VARANASI : शहर की सुरक्षा की दावा करने वाली बनारस पुलिस की साढ़े तीन सौ प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मी की सुरक्षा खतरे में है. पुलिस लाइन स्थित बैरक में छेड़खानी का मामला सामने आया है. सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने की शिकायत को अधिकारियों द्वारा गंभीरता से नहीं लेने से नाराज प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मियों ने बुधवार की सुबह आंदोलन का रुख अख्तियार किया. पुलिस लाइन के सामने महिला पुलिसकर्मियों ने चक्काजाम कर दिया. ईद की नमाज अदा करने की तैयारियों में लगे उच्चाधिकारियों को सूचना मिली तो हाथ पांव फूल गए. आनन-फानन में पहुंचे आईपीएस सीओ कैंट डॉ. अनिल कुमार ने किसी तरह महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत कराया. 

हो रही छेड़खानी

रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग सेंटर पुलिस लाइन में प्रशिक्षण हासिल कर रहीं 347 महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह छेड़खानी का आरोप लगाते हुए में धरना पर बैठ गयीं. रंगरूट पुलिस लाइन प्रयागराज में 15 दिन की शुरुआती ट्रेनिंग के बाद तीन पहले बनारस आई थीं. पुलिस लाइन गेट के सामने धरने पर बैठी महिला रंगरूट का आरोप है कि रात में किसी बाहरी युवक ने छेड़छाड़ की. शोर मचाने पर भाग गया. रात में पता चलने पर भी आरआई नहीं आए इसलिए ट्रेनी सिपाहियों का गुस्सा और बढ़ गया. उनका कहना है कि सोमवार रात भी कोई युवक आया था जो शोर मचाने पर भाग गया. ये भी आरोप लगाया कि सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था या पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं है. दीवार छोटी होने से बाहरी अराजकतत्व आ रहे हैं. बैरक से बाथरूम दूर है, बाथरूम भी खुला है. दरअसल यह बैरक पुरुष ट्रेनी सिपाहियों के लिहाज से बना है जिसमें महिला रंगरूट को ठहरा दिया गया है. पुलिस लाइन के सामने करीब आधे घण्टे तक आवागमन बाधित रहा.

 

समझा-बुझाकर मनाया

सीओ लाइन (आईपीएस) डॉ. अनिल कुमार किसी तरह महिला रंगरूटों को मनाकर पुलिस लाइन के भीतर ले गए जहां एसएसपी आंनद कुलकर्णी ने उन्हें समझाया कि बाहरी लड़के नहीं आने पाएं ये सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही चेतावनी दी कि पुलिस एक अनुशासित विभाग है. कोई परेशानी है तो अपने अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए, इस तरह से धरना-प्रदर्शन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है. प्रशिक्षुओं ने बाउंडरी वाल, लाइट, असुरक्षा की समस्या अधिकारियों के समक्ष रखी. एसएसपी ने सुरक्षा की गारंटी दी और तय हुआ कि महिला अधिकारी की अब ड्यूटी लगेगी.

Posted By: Vivek Srivastava