आगरा। अब तक शहर में आतंक मचाने वाले बंदरों ने आसपास के गांवों की ओर रुख कर लिया है। वह देहात क्षेत्रों में लोगों को शिकार बना रहे हैं। ऐसा वन विभाग की कार्यप्रणाली के चलते हुआ। विभाग ने शहर से बंदर पकड़कर आसपास के जंगलों में ही छोड़ दिए। जिसके चलते उन्होंने गांव और कस्बों में हाहाकार मचा रखा है।

कई हुए शिकार, नवजात की ली थी जान

बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। एक वर्ष के दौरान अबोध और बुजुर्गो समेत कई की जान जा चुकी हैं। सिकंदरा के रुनकता में बीते वर्ष 12 नवंबर की शाम को योगेश की पत्नी नेहा की गोद से बंदर दो सप्ताह के पुत्र को छीनकर ले गया था। उसने बच्चे के चेहरे को बुरी तरह लहूलुहान कर दिया था। इससे अबोध की मौत हो गई।

बंदरों के हमले की प्रमुख घटनाएं

28 जनवरी: बाह के बिजौली निवासी दो बहनें अनुष्का और मनीषा घर लौट रही थीं। बंदरों ने रास्ते में हमला बोलकर घायल कर दिया।

27 जनवरी: खेरागढ़ के गांव अएला निवासी निर्मला पत्नी विजय कुमार बंदरों के हमले में छत से गिरीं। कूल्हे की हड्डी टूट गई।

21 नवंबर 2018: ताजमहल पर इटली की पर्यटक मरियम को बंदर ने काटा।

20 नवंबर: मलपुरा निवासी अनीता पत्नी रवि चौधरी छत पर कपडे़ सुखाते समय बंदरों की घुड़की से गिरकर घायल।

8 अक्टूबर: मऊ रोड निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह की बाइक के सामने बंदर आने पर हादसे में उनकी मौत हो गई।

19 जुलाई: कलक्ट्रेट परिसर में बंदरों ने अलीगढ़ के हरिशंकर से बैग लूट लिया। इसमें दवाइयों और रुपये थे।

8 जुलाई: ताजमहल में आस्ट्रिया की पर्यटक क्रिस्टिना को बंदर ने काटा।

29 मई: धाकरान चौराहे पर बैंक के गेट पर बंदरों ने सर्राफ विजय सिंघल से 1.40 लाख रुपये लूटे।

Posted By: Inextlive