-कई खतरनाक बीमारियों के शिकार हो रहे लोग

-डॉक्टर्स दे रह हैं सतर्कता बरतने की सलाह

ALLAHABAD: मानसून की बारिश किसे अच्छी नहीं लगती। रिमझिम बूंदों में भीगने का आनंद ही कुछ और होता है। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि मानसून में खुद को हेल्दी रखना बड़ा टास्क होता है। बारिश में भीगने से सर्दी-जुकाम से लेकर फंगल इन्फेक्शन, टायफाइड, मलेरिया और डेंगू जैसी कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, खाने-पीने से लेकर कपड़ों तक की साफ-सफाई पर ध्यान देकर इन सबसे दूर रहा जा सकता है।

सतर्कता बरतना है जरूरी

मौसमी बीमारियों से बचने के लिए होशियार रहना बेहद जरूरी है। हमारी जरा-सी लापरवाही हमें बीमार करने के लिए काफी है। बता दें कि शहर में मानसूनी बारिश की अभी शुरुआत ही हुई है, लेकिन मरीजों के आने का क्रम शुरू हो गया है। समय बीतने के साथ इनकी संख्या में खासा इजाफा भी हो सकता है। आइए जानते हैं कौन सी है ये बीमारियां और कैसे होगा बचाव-

नंबर एक

लेप्टोस्पायरोसिस

मानसून में जगह-जगह पानी जमा होने से उनमें कई तरह के ज‌र्म्स और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ये कई प्रकार की बीमारियों की वजह होते हैं, इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में बाहर से आने पर जरूर नहाएं। किसी एंटी बैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें। साथ ही, गीले बालों को खुद से सूखने दें। उन्हें कंघी करने या सुलझाने की कोशिश करने से बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं। भीगे मोजे और जूते ज्यादा देर तक पहने न रहें।

नंबर दो

हैजा

मानसून सीजन में फ्रेश और गरम बना खाना बेहतर होगा, क्योंकि इसके ज्यादातर न्यूट्रिशियंस बरकरार रहते हैं। खाने को अच्छी तरह से ढक कर रखें, ताकि बाहरी प्रदूषण के साथ ही उसे मक्खी-मच्छरों से भी बचाव हो सके। ज्यादातर बीमारियों के फैलने का कारण ये इन्सेक्ट्स ही होते हैं। खाने से पहले और बाद में हाथों को साबुन से जरूर धो लें। बासी खाना इस मौसम में सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदेह होता है।

नंबर तीन

मलेरिया और डेंगू

बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिसका कारण जगह-जगह पानी का जमाव होता है। इससे मच्छर पैदा होते हैं जो इन बीमारियों के फैलने का कारण होते हैं। दोनों ही बीमारियां खतरनाक होती हैं। इनमें ब्लड की कमी होने लगती है और यहां तक कि मरीज की मौत तक हो सकती है। इन सबसे बचने के लिए मच्छरों को भगाने वाले स्प्रे, क्वाइल और रिफिल आदि का यूज करें।

नंबर तीन

सर्दी-खांसी

बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी की समस्या आम बात है। गीले बाल और गीले कपड़ों को बहुत ज्यादा देर तक पहने रहने से सर्दी होना लाजिमी है। इसलिए बारिश के मौसम में घर से निकलने से पहले बैग में अलग से कपड़े और मोजे रखना बिल्कुल न भूलें। रेनकोट और छतरी का इस्तेमाल करके भी भीगने से बचा जा सकता है और सर्दी-खांसी से भी दूर रहा जा सकता है।

नंबर चार

पेट का इन्फेक्शन

मानसून सीजन में पेट के इन्फेक्शन्स की प्रॉब्लम भी आम होती है। खराब खानपान न सिर्फ डाइजेशन सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि ये गैस, एसिडिटी और यहां तक कि कब्ज की भी वजह होता है। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना फायदेमंद रहेगा। कटे हुए फलों को खाना अवॉयड करें। हाथों की सफाई पर खास ध्यान दें। कच्ची और अधपकी चीजों का कम से कम सेवन करें।

नंबर पांच

फंगल इन्फेक्शन्स

आर्मपिट, पैरों की उंगलियों के बीच हवा के पास होने की बहुत ही कम संभावना होती है, जिसके कारण वहां फंगल इन्फेक्शन्स सबसे ज्यादा होता है। यहां तक कि गीलापन भी इसकी एक खास वजह होती है। इस प्रकार के इन्फेक्शन्स से बचने के लिए बॉडी को सूखा रखें। ऐसे जूते-चप्पल पहने जिनमें से आसानी से हवा पास हो सके। नहाने से लेकर हाथ धोने तक के लिए एंटी-फंगल साबुन का इस्तेमाल करें। कोमल अंगों की साफ-सफाई करने के लिए ईयर बड का इस्तेमाल करें।

बॉक्स

हॉस्पिटल्स में आने लगे मरीज

पिछले एक सप्ताह में हुई मानसूनी बारिश के बाद मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। खासकर पेट और त्वचा में इंफेक्शन के मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। एक बार बीमार होने के बाद इनको ठीक होने में लंबा समय लग रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि एक बार बैक्टीरिया, फंगस या वायरस इंफेक्शन होने के बाद दवाओं का पूरा कोर्स करना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया तो रजिस्टेंस होने से मर्ज का जल्दी ठीक होना मुश्किल हो जाता है।

वर्जन

बारिश के मौसम में लोगों का चटपटा और जायकेदार भोजन करने का बड़ा मन होता है। इस चक्कर में वह बाजारू चीजें खाने लगते हैं। साफ-सफाई और फ्रेशनेस की कमी होने से यह चीजें सेहत को जबरदस्त नुकसान पहुंचाती हैं।

-डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन

बारिश में भीगने में तो सभी को मजा आता है, लेकिन इससे कई तरह के स्किन इंफेक्शन होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। जो लोग बारिश के पानी में नहाते हैं उन्हें इसके बाद तुरंत साफ पानी से नहाना चाहिए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

-डॉ। शक्ति बसु, स्किन स्पेशलिस्ट

हॉस्पिटल में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जरूरत के मुताबिक दवाएं और लोशन मंगवा लिए गए हैं। हैजा या फूड प्वाइजनिंग के मरीजों को भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है।

-डॉ। बीके सिंह, सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive