हांलाकि की अभी कम वर्षा की आशंका पूरी तरह से मिटी नहीं है पर अब तक हुई वर्षा ने मानसून की स्‍थिति को बेहतर बना दिया है और देश में लगातार दूसरे साल भी सूखा पड़ने की आशंका को तेजी से कम करना शुरू कर दिया है।


सामान्यत: सूखा पड़ने की स्थिति में देश भर में बारिश सामान्य से करीब 10 प्रतिशत कम रहती है। किंतु इस वर्ष जब की आधे के करीब बारिश का मौसम निकल चुका है वर्षा में सामान्य से केवल दो फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। अभी आधा मानसून बाकी है और सामान्य वर्षा के लिए 96 से 104 प्रतिशत के बीच बारिश रहने की संभावना है। अब यहां से सूखा पड़ने की स्थिति तभी बनेगी अगर देश भर में बचे हुए मानसून सीजन में सामान्य से करीब 14 प्रतिशत से कम बारिश होगी। देश में मौसम की बदलती परिस्थितियों के लिए इस बार अलनीनो का बढ़ता प्रभाव बताया गया है। बहरहाल अब तक मानसून उम्मीद से बेहतर रहा है।
सबसे अच्छी बात ये रही है कि खरीफ की फसलों पर मंडराता खतरा एक दो तेज बारिश के दौर आने से कम हो गया है। इसके साथ ही पिछले कुछ हफ्तों से कम बारिश की समस्या से जूझते उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों हाल ही में 6 जुलाई के बाद हुई तेज बारिश से काफी राहत मिली है। इस मौसम के अभी अगले दो तीन दिन तक जारी रहने की संभावना वयक्त की गयी है।


अब इस महीने के आने वाले हफ्तों में बेशक तेज बारिश की संभावना काफी कम है पर तनाव की कोई बात नहीं है। हांलाकि देश के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के बावजूद जुलाई के महीने में अब भी वर्षा सामान्य से 28 प्रतिशत कम रही है। ये कमी, अगर आने वाले समय में एक आध दौर तेज बौछार का नहीं आया तो जारी रहने और अधिक बढ़ने की पूरी संभावना है।

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Posted By: Molly Seth