अरैल में जैसलमेर जैसा नजारा
-11 साल में बनकर तैयार हुआ महर्षि स्मारक, डिप्टी सीएम ने किया लोकार्पण
गोल्ड भी लगा है 11 साल पहले शुरू हुआ था निर्माण 70 फीट गहरी है स्मारक की नींव 1008 गोल्ड प्लेटेड कलश है स्मारक के शिखर पर 108 गोल्ड प्लेटेड कलश स्थापित हैं हर चौकी पर 22.6 फीट ऊंचे 52 खंभे हैं। अंदर मार्बल के 22.6 फीट ऊंचे 12 खंभे हैं। 02 लाख क्यूबिक फीट जैसलमेर पत्थर लगाया गया है। वजन बीस हजार टन। 1000 कारीगरों ने अलग-अलग शिफ्ट में किया है तैयार हर चीज है खास -इसके आर्किटेक्ट गुजरात के निपम सोमपुरा हैं। -वेद व वास्तुकला से निर्मित स्मारक में जैसलमेर पत्थर के लगे हैं। -गर्भगृह की आंतरिक छत हल्के गुलाबी बंसी पहाड़पुर पत्थर की है। prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: अगर प्रयागराज में आपको राजस्थान के जैसलमेर जैसा नजारा दिखाई दे तो इससे भव्य कुछ नहीं हो सकता है। महर्षि महेश योगी की प्रेरणा से आने वाली पीढ़ी के लिए वैदिक ज्ञान-विज्ञान पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर अरैल एरिया में महर्षि स्मारक बनवाया गया है। 11 साल से निर्माणाधीन और अब पूरी तरह से भव्यता ले चुका यह कोई आम स्मारक जैसा नहीं है। स्मारक में बाहर लगाए गए जैसलमेर के सुनहरे पीले पत्थर की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। स्मारक के भीतर सफेद रंग के मकराना मार्बल से गर्भगृह बनाया गया है।
डिप्टी सीएम ने किया लोकार्पण वेदपाठी ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने शुक्रवार को इस स्मारक का लोकार्पण किया। इस दौरान संत-महात्माओं ने पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।