एनसीआरबी ने साल 2011 से लेकर 2014 तक का झारखंड का पेश किया डाटा

चार साल में 474 पुरुषों ने किया सुसाइड, जबकि खुदकुशी करने वाली महिलाओं की संख्या 387 रही

>RANCHI: झारखंड में पिछले चार सालों में ब्7ब् पुरुषों ने सुसाइड कर लिया, वहीं, खुदकुशी करने वाली महिलाओं की संख्या फ्87 रही। साल ख्0क्क् से लेकर ख्0क्ब् तक झारखंड में सुसाइड करने वालों की यह रिपोर्ट नेशनल क्राइम ब्यूरो ने जारी की है। यानी शादी-शुदा जिंदगी और पारिवारिक परेशानियों के कारण पुरुष ज्यादा सुसाइड कर रहे हैं।

डॉरी एक्ट से ज्यादा परेशानी

नेशनल क्राइम ब्यूरो ने सुसाइड करने वालों का आंकड़ा झारखंड समेत देश भर का कलेक्ट किया है। इसमें पाया गया है कि डॉरी एक्ट के कारण पुरुषों को ज्यादा परेशानी हो रही है। इसके अलावा बच्चा नहीं होने, शादी-शुदा जिंदगी ठीक से नहीं चलने और तलाक के कारण सुसाइड करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाएं से बढ़ी है।

ख्0क्ख् में सर्वाधिक सुसाइड

नेशनल क्राइम ब्यूरो ने सुसाइड करने वालों का जो डाटा जारी किया है, उसके अनुसार झारखंड में ख्0क्क् में जहां 9ब् पुरुषों ने सुसाइड किया, वहीं आत्महत्या करने वाली महिलाओं की संख्या 8ब् थी। ख्0क्ख् में यह संख्या सबसे अधिक बढ़ गई थी। क्70 पुरुषों ने सुसाइड किया, वहीं क्ब्ख् महिलाओं ने भी सुसाइड कर लिया था। ख्0क्फ् में जहां क्भ्भ् पुरुषों ने सुसाइड किया, वहीं सुसाइड करने वाली महिलाओं की संख्या क्फ्क् थी। ख्0क्ब् में यह आंकड़ा सबसे कम रहा। इस साल भ्भ् पुरुषों और फ्0 महिलाओं ने सुसाइड किया था।

फैक्ट फाइल

साल पुरुष महिलाएं

ख्0क्क् 9ब् 8ब्

ख्0क्ख् क्70 क्ब्ख्

ख्0क्फ् क्भ्भ् क्फ्क्

ख्0क्ब् भ्भ् फ्0

सुसाइड अटेम्प्ट में महिलाएं आगे

पुरुषों में अधिक सुसाइड करने के मामले पर साइकोलॉजिस्ट और सीआईपी के डॉक्टर संजय कुमार मुंडा बताते हैं कि एनसीआरबी का डाटा बिल्कुल सही है। पुरुषों की संख्या सुसाइड करने के मामले में अधिक है, लेकिन सुसाइड अटैम्प्ट करने वालों में महिलाएं अधिक हैं। पुरुषों मे महिलाओं की अपेक्षा इमोशन और सहनशीलता की कमी रहती है। वो कोई भी निर्णय तुरंत लेते हैं, जबकि महिलाएं यह बताने के लिए सुसाइड अटेम्प्ट कर रही हैं कि वह कितनी परेशानी में हैं। वहीं, महिलाएं कोई भी निर्णय लेने में ज्यादा समय लेती हैं।

Posted By: Inextlive