80 से ज्यादा बसों, 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
यात्रियों की सुरक्षा के लिए डिपो में रोक दी गई थीं सभी रूटों की बसें
Meerut। सोमवार सुबह बंद के साथ शुरू हुई हिंसा में उपद्रवियों का सबसे सॉफ्ट टारगेट रोडवेज की बसें बनीं। निगम, अनुबंधित और सिटी बसों में जगह-जगह तोड़फोड़ की गई। कई जगह उनमें आग लगा दी गई। कुल मिलाकर 80 से ज्यादा बसों में नुकसान से रोडवेज को लगभग 1 करोड़ रुपये का फटका लग गया। हिंसा के कारण दोपहर 12 बजे तक रोडवेज बसों का संचालन ठप रहा। सभी डिपो ठप रहे हिंसा की सूचना मिलते ही मेरठ रीजन के सभी डिपो में बसों के पहिए थम गए। भैंसाली डिपो समेत सभी डिपो में यात्री घंटों तक बैठे रहे लेकिन बसों का संचालन नही किया गया। दोपहर बाद डैमेज बसों की वापसी का सिलसिला शुरू हुआ तो यात्री वापस लौटने लगे। देर शाम तक बस अड्डों पर सन्नाटा पसरा रहा।करोड़ों का नुकसान
रोडवेज के आंकडों के अनुसार मेरठ रीजन को इस हिंसा से करीब 45 से 50 लाख का नुकसान हुआ है। अकेले महानगर सिटी बस सेवा को ही करीब 30 लाख का नुकसान हुआ है। इससे अलग सैकड़ों यात्रियों ने आज बसों से सफर नही किया। इससे रोडवेज को करीब एक करोड से अधिक का नुकसान माना जा रहा है। सबसे अधिक नुकसान अनुबंधित और महानगर सिटी बसों को हुआ है।
रीजन बसों में तोड़फोड- 57 बसों में आगजनी- 2 अनुमानित नुकसान- 45 से 50 लाख भैंसाली डिपो- बसों में तोड़फोड़- 30 लगभग नुकसान- 15 लाख सोहराबगेट डिपो- बसों में तोड़फोड़- 29 अनुमानित नुकसान- 10 लाख महानगर सिटी बस- बसों में तोड़फोड़- 18 अनुमानित नुकसान- 30 लाख गढ़ डिपो- बस में तोड़फोड़- 1 हिंसा का असर दो दिन तक रहेगा आज आने वाली बसें कल तक डिपो में पहुंचेंगी इसलिए नुकसान बढ़ भी सकता है। एसके बनर्जी, आरएम रोडवेज हिंसा के दौरान 18 सिटी बसों में तोडफोड़ हुई है। करीब दो बसों में आग का प्रयास किया गया है। करीब 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। संदीप लाहा, एमडी रोडवेज गाजियाबाद से आने वाली बसों को जगह-जगह पर जाम व पथराव झेलना पड़ा। एक के बाद एक कतार में बसों मे पथराव किया गया। कुलदीप सिंह बसों को जाम के दौरान आगजनी का शिकार बनाने का प्रयास किया गया। यात्रियों ने बसों से उतर कर भागकर जान बचाई। आस मोहम्मदचलती बस में पथराव हो रहा था। बस के रुकते ही लोग ने बाहर से लाठी डंडे मारकर शीशे तोड़ने शुरू कर दिए।
भूपेंद्र जाम के दौरान बसों को जबरन साइड में खड़ा करके आगजनी का प्रयास हो रहा था। जिन बस चालकों ने बात नही मानी उनकी बसों मे पथराव कर दिया गया। अशोक कुमार शहर के अंदर आने के लिए परतापुर से कई किमी तक लोगों को पैदल चलकर आना पड़ा। जाम के कारण बसों को शहर के अंदर तक नही आने दिया जा रहा था। प्रवीण कुमार तीन घंटे बस डिपो पर दिल्ली की बस का इंतजार किया लेकिन बसें दोपहर बाद तक भी डिपो में नही आ सकी। भूपेंद्र