- खजनी, कैंपियरगंज, पीपीगंज, बड़हलगंज, गोला, भटहट, गगहा, कौड़ीराम में आग से करोड़ों का नुकसान

GORAKHPUR: जिले में रविवार को आग तबाही का सबब बन गई। कोई ऐसा ब्लॉक क्षेत्र नहीं बचा, जहां आग ने लोगों को बेघर न किया हो। खजनी में तो दो जिंदगियां भी छीन ली। कैंपियरगंज, पीपीगंज, बड़हलगंज, गोला, भटहट, गगहा, कौड़ीराम में सैकड़ों घर आग की भेंट चढ़ गए। करोड़ों की क्षति हुई है। कहीं फायर ब्रिगेड पहुंचा तो कहीं नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने अरहर के पौधों से, पंपिंग सेट चलाकर, नहर काटकर हर जुगत लगाकर किसी तरह आग पर काबू पाया। इस दौरान दर्जनों ग्रामीण आग बुझाने के क्रम में झुलस गए।

न घर, न अनाज

गोला क्षेत्र के चिट्ठेपार में पोखरा में रविवार को सुबह 11 बजे काम कर रहे मजदूर ने मछली भूनने के लिए आग जलाई थी। तेज हवा से आग फैल गई और आधा दर्जन घरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग में चिट्ठेपार की कहार बस्ती के कलिन्द्र, रामस्वरूप, रामदयाल, झब्बू, रामरेखा, छब्बू की रिहायशी झोपड़ी व तथा मकान जल गए। आग इतनी तेजी से फैली कि ये लोग अपने घर का सामान भी बाहर नहीं निकाल पाए। घर के साथ अनाज, रुपए, कपड़े, सामान सब जल गए। योगेन्द्र शुक्ल की झोपड़ी, उसमें रखा पम्पिंग सेट, ठेला, साइकिल, संगम शुक्ल की दो झोपड़ी, इसमें रखा गेहूं, भूसा, साइकिल व चार गायें भी झुलस गई। हृदयानंद शुक्ल का कच्चा मकान, अरुण शुक्ल की झोपड़ी, सदन, कृष्णानंद, सच्चिदानंद की भी झोपड़ी व भूसा जल गया। पछुआ हवाओं के तेज रूख के चलते आग पडरी गांव के हरिजन बस्ती तक पहुंच गई। वहां कृपाल व नारायण की टूटी झोपड़ी और भूसा आदि जल गया।

नदी को काटकर बुझाई आग

गोला क्षेत्र के ही कासो नेनुआ ताल में अचानक आग लग गई। इससे ताल से सटे करीब आधा दर्जन गांव में हलचल मच गई। करीब 9 बजे ताल के कटे गेंहू के डंठल जलने लगे। देखते ही देखते आग की लपटे सटे गांवों सिसई, देईडीहा, बरईपार रामरूप, खोपापार, कंजहटडीह की तरफ बढ़ने लगी। सभी गांवों के लोग घर बचाने के लिए खेत की आग में कूद पड़े। अरहर व अन्य पौधे उखाड़कर आग पर पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद भी देर शाम तक आग नहीं बुझ पाई थी। तेज पछुआ हवा के चलते रुक-रुक कर आग कहीं न कहीं सुलग जा रही थी। ग्रामीणों को कुछ न सूझा तो बारानगर सरयू नहर को ही काट दिया। करीब आधा दर्जन पंपिंग सेट चालू कर आग बुझाने की कोशिश में सैकड़ों ग्रामीण लगे हुए हैं।

कैंपियरगंज में दर्जनभर घर जले

कैम्पियरगंज क्षेत्र के गया मूसाबार गांव के बड़ुलिया टोले पर आग लगी। इसमें दिग्विजय, कन्हैया, दिनेश, लक्षमण, उदयराज, सन्तराम, राम दास, श्रीराम, रामू, त्रिलोकी, त्रिभुवन, शिवशंकर, उमाशंकर, गिरजाशंकर, शिवधारी, शत्रुघन, राधे, वंशीधर, विश्वनाथ, कुमार यादव आदि लोगों की रिहायशी झोपडि़यां जल गई। वहीं गोपलापुर गांव में लगी आग में लालजी, राजेन्द्र, देवेन्द्र, लौटू, परशुराम, रामआसरे की रिहायशी झोपड़ी जल गई। मूसाबर गांव में दोपहर 12 बजे गेरुई के सिवान से आग लगी। इसकी लपटों ने मूसाबार, बरईपार, पचमा, गोपरापुर के दर्जनों घरों को तबाह कर दिया।

पीपीगंज क्षेत्र के बान गांव में लगी आग में भी दर्जनों घर जल गए। जितेन्द्र सहानी, सुरेन्द्र यादव, रामदास, कैलाशी देवी, सोनू, सुरेश आदि आग बुझाने के क्रम में झुलस गए। इन्हें 108 नंबर की एंबुलेंस से कैंपियरगंज हॉस्पिटल भेजा गया है। वहां से डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। गांव के राजेन्द्र, भुल्लूर, अनीता, रमेश चौधरी, शंकर चौधरी, राम अचल, जुमराती, हमीद, राजनाथ, बैजनाथ, कोदयी, बुद्धिराम, बेलिस, जयराम, धनुर्धारी, बाबूलाल, परमहंस, स्वामीनाथ, फूलचन्द, रामपाल, मन्जू, शिवशंकर, मेवालाल, राम आसरे, गोविन्द, कोमल, अरविंद, सीता पत्ती, रामलाल, रामदास, शिवकुमार, राजेन्द्र, राजनारायण पांडेय, शोभी, सत्यनारायण, मल्लू, बुद्धिराम, शाकिर अली, मोहम्मद हनीफ , मोहम्मद हसन, हमीद, मोहम्मद अली, श्यामलाल, पियारे, जवाहर लाल, बसंत, पन्नेलाल, नन्दकिशोर, अंगद, धर्मराज, रामदयाल, सुखारी, उदयराज, विश्वनाथ, मोहन, वीरेन्द्र, सुरेश, उमेश, रामकिशुन, नरेश आदि के घर जल गए। गांव में अपने घरों को जलता देख सभी रो रहे थे। कई घरों में शादी की तैयारी चल रही थी। सारे सामान जलकर राख हो गए। दयाशंकर और छन्नू के घर 28 अप्रैल को ही लड़की की शादी है। घर समेत सारा सामान जल गया।

डीसीएम में रखे 1.50 लाख खाक

कौड़ीराम में आमीपुल के पास खेत के डंठल में आग लगाई गई थी। अचानक आग बेकाबू हो गई और एनएच की झाडि़यों तक पहुंच गई। रविवार की दोपहर करीब 1.30 बजे हाइवे से गुजर रही आयसर मिनी ट्रक (यूपी 61टी 3024) उसकी चपेट में आ गई। चालक संजय राय व अन्य चलती गाड़ी से कूद पड़े। फिरोजपुर गाजीपुर की गाड़ी बस्ती से गाजीपुर जा रही थी। चालक ने 100 नंबर पर सूचना दी लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। भैंस चरा रहे युवकों ने मदद की और डीसीएम की आग बुझाई। संजय ने बताया कि गाड़ी में रखे 1.50 लाख रुपए भी जल गए।

पंपिंग सेट से बुझी आग

गगहा क्षेत्र के उज्जरपार में दोपहर 1 बजे गेहूं के डंठल में आग लग गई। आग ने आसपास के गांवों को भी घेर लिया। उरज्जरपार की तरफ से बढ़ी आग की लपटे सिहाइजपार, पिछौरा, डिहुलपार व गेरुआखोर गांव की तरफ बढ़ने लगी। ग्रामीणो ने पम्पिंग सेट चालू कर किसी तरह 2 घंटों की कड़ी मेहनत से आग पर काबू पाया। इस दौरान सिहाइजपार निवासी प्रदीप शाही का एक बीघा गेहूं व छेदी सिंह का एक बीघा अरहर का बोझा जल गया। वहीं ढरसी में डंठल की आग से पेट्रोल पम्प व गांव बाल-बाल बच गए।

तो जल जाता पूरा गांव

भटहट क्षेत्र के सलेमपुर, बखरैती और करमहा के सिवान में आग लग गई। किसी ने डंठल जलाकर छोड़ दिया जो दूसरे खेतों से होते हुए गांव की तरफ बढ़ गई। आग की चपेट में सलेमपुर निवासी मकसूद के घपरैल का मकान आ गया। किसी तरह लोगों ने आग पर काबू पाया। आग बुझ जाने के बाद पहुंचे फायर ब्रिगेड पर लोगों ने गुस्सा जताया। यदि लोगों ने खुद की जान जोखिम में डालकर आग पर काबू न पाया होता तो पूरा गांव साफ हो जाता।

जलता छोड़ दिया आग

उरुवा क्षेत्र के खटिकपुरा गांव के पश्चिम डंठल में लगी आग से खटिकपुरा, धुरियापार के लोगों में दहशत फैल गई। लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। दुघरा में नदी किनारे बाग में महुआ भूनने के बाद किसी ने आग को जलता छोड़ दिया था। आग जलती हुई खटिकपुरा तक आ पहुंची।

मुंडेरा बाजार के वार्ड संख्या 6 में स्थित सूखी पोखरी में नरकट व कूड़ा करकट में सुबह 10 बजे आग लग गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग पर काबू पाया।

बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के सीधेगौर व कोटिया निरंजन गांव में रविवार को आग से डेढ़ दर्जन झोपड़ी जल गई। राजस्व कर्मियों ने करीब दस लाख रुपये की क्षति का अनुमान लगाया है। आग में मिश्री, रामबचन, सुभाष, देवनारायण, अजोर, सुरेश, रमाशंकर की झोपड़ी जल गई। वहीं कोटिया निरंजन गांव में खदेरु, दुर्गविजय, अमरजीत, रामईश्वर, जयश्री, विजय शंकर, रामबचन, रमाकांत, बलिराम, रामानंद, इंद्रजीत व अमरजीत की झोपड़ी भी जल गई। डंठल में आग लगने से सत्य नारायण की मड़ई जल गई। महराजगंज, दुबौली, लक्ष्मीपुर गांवों में भगदड़ मची रही। खेत की जुताई कर और पंपिंग सेट चलाकर किसानों ने आग पर काबू पाया।

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बजनी थी शहनाई, पसरा है मातम

- रहने के लिए घर नहीं, खाने का अनाज नहीं, कैसे करेंगे शादी?

PEPPEGANJ/SARAHRI:

पीपीगंज क्षेत्र के ग्रामसभा बान में रविवार को लगी आग में दर्जनों घर जल गए। इनमें कई घरों में शादी की तैयारी चल रही थी और बेशुमार खुशियां थी। कुछ घंटे की आग ने न घर छोड़ा, न घर की खुशियां। अब इन लोगों के पास खाने के अनाज तक नहीं हैं, बेटे-बेटी की शादी कैसे करेंगे? पूरे गांव में चीख-पुकार मची है।

28 को ही शादी

गांव के दयाशंकर, छन्नू और मंत्री सगे भाइयों के घर जल गए। इस घर में 28 अप्रैल को ही लड़के की शादी होनी है। अब तो बेटे के रहने के लिए ही घर नहीं बचा, बहूं को लाकर कहां रखेंगे। घर वालों को सबकुछ खो देने का गम तो है ही, शादी की चिंता उन्हें पागल किए जा रही है। उधर, दुधई के घर में 29 अप्रैल को ही बेटी की शादी होनी है। घर में रखे कपड़े, जेवर सब जल गए। किसी तरह बिटिया के हाथ पीले करेंगे? उसे क्या विदाई में देंगे? कहां बारातियों को बिठाएंगे, क्या खिलाएंगे? जिस बिटिया को धूमधाम से विदा करने वाले थे, अब उसके सिर से छत भी उठ गया। पूरा परिवार आसमान के नीचे हैं। गांव देखने पर ठूंठ जैसा दिख रहा है। सभी घरों की पक्की दीवारें नजर आ रही हैं लेकिन उन पर बने छप्पर जल चुके हैं।

लड़के वाले आए आगे

गुलरिहा क्षेत्र के सरहरी निवासी श्लोक की झोपड़ी में रविवार को दोपहर में आग लग गई। सटे छोटेलाल का नया मकान बना है। उनके घर में बेटी शीला की सोमवार को शादी है। आज हल्दी का कार्यक्रम गांव के अंदर पुराने घर पर हो रहा था। सारे लोग वहीं थे। छोटेलाल के नए मकान में शादी के सारे सामान, बाइक, ढाई लाख कैश रखे हुए थे। मकान के बरामदे में रखी बाइक जल गई। किवाड़ को जलाते हुए अंदर रखे कैश, कपड़े, जेवर सब जल गए। करीब पांच लाख के सामान जले हैं। शीला की शादी पास के ही गांव भमौर में ही हो रही है। सूचना मिलते ही भमौर के लोग पहुंच गए। लड़के के घर वालों ने कहा कि वे कल बारात लेकर आएंगे। खाने, पीने, स्वागत की कोई चिंता नहीं है। यह आपदा है, इससे वे घबराएंगे नहीं। शादी में हर तरह का सहयोग करेंगे।

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गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर बोला हमला

- फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेट से पहुंचने से फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

- घायल सिपाही की तहरीर पर केस दर्ज

BHITI RAVAT: पाली विकास खंड के भक्सा में रविवार को आग लगने से पांच घर जल गए। ग्रामीणों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। आग बुझने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची तो ग्रामीण गुस्से में आ गए। हो-हल्ला करने लगे। सूचना मिलने पर पहुंचे अपाची दस्ता के दो सिपाहियों पर हमला कर दिया। एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। घायल सिपाही ने ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

पांच घर जले

घुरापाली के सीवान में गेहूं का डंठल जलाया जा रहा था। आग बढ़ गई और भक्सा गांव में पहुंच गई। ग्रामीणों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दी लेकिन गाड़ी नहीं पहुंची। इस दौरान आग से राजकरन, राजेंद्र, अरविन्द, सुग्रीम के घर जलकर राख हो गए। पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने खुद ही आग पर काबू पाया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची तो अग्निपीडि़तों का गुस्सा फूट पड़ा। वे हो-हल्ला करने लगे। सूचना मिलते ही अपाची दस्ता के सिपाही कपिलदेव पांडेय और हरिवंश राम पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की तो उन पर हमला बोल दिया। सिपाही कपिलदेव बुरी तरह घायल हो गए। तनाव को देखते हुए मौके पर कई थाने की फोर्स बुला ली गई। कैम्पियरगंज सीओ व गोरखपुर नाथ सीओ के साथ एसपी देहात भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने मामला शांत कराया।

घायल सिपाही की तहरीर पर कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

- एसएन सिंह, सीओ, कैंपियरगंज

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लापरवाही की आग जलाने से नहीं आ रहे बाज

MUNDERA BAZAR: क्षेत्र में पछुआ हवा से उड़ी चिंगारी कई किमी। दूर एरिया में आग लगा चुकी है। जहां-तहां कूड़ा या डंठल में लगाई आग से दूर-दराज के इलाकों के खेत व घर जल चुके हैं। लेकिन, इसके बाद भी लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। तेज पछुआ हवाएं कभी भी किसी चिंगारी को उड़ाकर कहीं और आग बरसा सकती है। मुंडेरा क्षेत्र में शनिवार को इसी तरह की लापरवाही नजर आई।

कूड़े के ढेर में आग

चौरी चौरा क्षेत्र के नगर पंचायत व भोपा बाजार के आस पास खाली स्थानों पर जमा कूड़े में लोग आग लगा दे रहे हैं। इसके बाद उसे बिना बुझाए ही छोड़ दे रहे हैं। जलती आग, कब कहां पहुंच जाए, कहा नहीं जा सकता। शनिवार व रविवार को भोपा स्थित मालगोदाम के पास कूड़े के ढेर में आग जलता दिखा लेकिन वहां कोई नहीं था। गोरखपुर-देवरिया रोड पर भी दुकानदार कूड़े के ढेर में आग लगाकर छोड़ दे रहे हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

- यदि इस संबंध में किसी के खिलाफ ऐसी शिकायत मिली कि उसने आग जलाकर छोड़ दिया है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। किसी की लापरवाही से किसी का घर जले, यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

- हरिश्चन्द्र सिंह, एसडीएम

बरतें सावधानी

- आग सुबह के समय ही जलाएं।

- आग जलाने से पहले वहां पानी की व्यवस्था कर लें।

- जब तक आग जल रही है, वहां निगरानी करें।

- कूड़ा जल जाने के बाद यह सुनिश्चित हो लें कि आग बुझ गई है।

- यदि राख में आग बची है तो उस पर पानी जरूर छिड़क दें।

- दोपहर और रात में आग न जलाएं।

Posted By: Inextlive