-स्वास्थ्य विभाग चेता लेकिन सन्नाटे में हैं नगर निगम, अस्पतालों में अब तक नहीं कराई गई फागिंग

- शहर के ज्यादातर एरिया में खाली पड़े प्लाट पर है गंदगी की भरमार

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स्वास्थ्य विभाग भले ही बीमारियों का खात्मा करने के लिए हाथ पैर मार रहा है लेकिन नगर निगम तो हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। बारिश के बाद बढ़ने वाली घातक बीमारियां मलेरिया, डायरिया व डेंगू से निबटने के लिए गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में तमाम इंतजाम किये गये हैं लेकिन नगर निगम अपनी नजरें घुमाये हुए हैं। तभी तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई बार भेजे गये लेटर को नगर निगम अनदेखा कर दिया है। अब तक गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में फागिंग नहीं कराई गई है। मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा की ओर से एक पखवारे पहले नगर निगम को हॉस्पिटल कैंपस में मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव के लिए लेटर लिखा गया लेकिन अब तक एक बार भी फागिंग नहीं कराई गई।

गली-मुहल्ले भी बजबजा रहे

शहर में कई मोहल्ले और कालोनियों में बारिश के बाद नरकीय स्थिती है। साफ-सफाई की अभाव में खाली पड़े प्लॉट गंदगी का घर बन गये हैं। कई जगह पर हालत इतनी बुरी है कि आस-पास के लोगों का जीना दुश्वार हो जाता है और ये गंदगी बीमारी को पनपने का भी कारण है। शहर में तीन से चार हजार प्लॉट खाली पड़े हैं। इनमें ज्यादातर कूड़े से पटे हुए हैं। बारिश के बाद खाली प्लॉट्स में पड़ी गंदगी बजबजाने लगी है। मच्छरों को पनपने की भरपूर जगह मिल रही है। नगर निगम चाहे तो इसकी सफाई कराकर स्थिति में सुधार ला सकता है लेकिन वह इसे अपना काम नहीं बताते हैं।

डोर-टू-डोर बांट रहे दवा

स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे तमाम मुहल्ले, बस्तियां सेलेक्ट की गई है जहां गंदगी के कारण सबसे अधिक बीमारियां घर कर रही हैं। इसमें लोहता का कोटवा, मुस्लिमहाल, बजरडीहा, कोनिया, सरैयां आदि एरिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को क्लोरीन की गोली व ब्लीचिंग पाउडर की छिड़काव करा रही है। कोटवा में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप कर दवाएं वितरित कर रही है।

बारिश में गंदगी है खतरनाक

बारिश के मौसम में गर्मी और उमस का मेल कूड़े-कचरे को और ज्यादा खतरनाक बना देता है। खाली प्लाटों में पानी भरने के कारण कूड़ा कचरा सड़ने लगता है। इसके बाद उसमें बैक्टीरिया और मच्छर पनपने लगते हैं। जिनसे सबसे ज्यादा बीमारियों का खतरा उत्पन्न होता है।

कैसे करे बचाव?

-घर के आसपास गड्ढ़ों में पानी न जमा होने दें

-नालियों में केरोसिन का तेल या फिर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें, इससे मच्छर-मक्खी दूर भागते हैं

- खाली पड़े प्लॉट पर मालिकों को बाउंड्री वाल करानी चाहिए

- खुले जगहों पर प्लांटेशन कराये ताकि लोग कूड़ा न फेंक सके

-छत पर बारिश का पानी जमा न होने दें

-घर के अंदर-बाहर भरपूर रखे साफ-सफाई

-प्लॉट में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराएं

इन बीमारियों का है खतरा

- बारिश के मौसम में गंदगी और गंदे पानी से होता है इंफेक्शन

- सबसे ज्यादा मलेरिया और डेंगू का होता है खतरा।

- इंफेक्शन से डायरिया, पीलिया, उल्टी-दस्त, वायरल फीवर होने का है खतरा

-सोते समय मच्छरदानी का करें यूज

-पानी हो सके तो उबाल कर ही पीये

ये मौसम बीमारियों को सबसे ज्यादा बढ़ावा देती है। मलेरिया, वायरल फीवर, उल्टी, दस्त और पीलिया का सबसे ज्यादा प्रकोप होता है। बीमारियों से बचाव के लिए स्लम बस्तियों में दवाएं घर-घर जाकर बांटी जा रही है। डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

निगम की ओर से मच्छरों को दूर करने के लिए फॉगिंग करायी जाती है लेकिन लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा और आस-पास की जगह पर सफाई का ध्यान रखें।

डॉ। गोविंद मिश्र, नगर स्वास्थ अधिकारी

नगर निगम को फागिंग के लिए लेटर लिखा गया है एक पखवारे बाद भी हॉस्पिटल में अब तक फागिंग नहीं हो सकी है।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस

मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा

Posted By: Inextlive