झमाझम बारिश के बाद जलभराव से पनपने लगे मच्छर

सिर पर मंडराने लगा जानलेवा बीमारियों का खतरा

अभी तक शुरू नही हुई फागिंग और दवा का छिड़काव

ALLAHABAD: मानसूनी बारिश ने दस्तक क्या दी ? लोगों की नींद हराम हो गई। शहर में पसरी गंदगी और जलभराव से मच्छरों का पनपना लगातार जारी है। शाम होते ही मच्छरों का आतंक शुरू हो गया है। इससे मलेरिया और डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा भी मंडराने लगा है। उधर, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रॉपरली फागिंग और दवा का छिड़काव भी नही किया जा रहा है। जिससे मच्छर से बचाव करना मुश्किल होता जा रहा है।

पिछले साल बीमारियों ने मचाया था उत्पात

पिछले साल बारिश में शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या तीन सौ से अधिक हो गई थी। इसके अलावा मलेरिया के मरीज एक हजार से कही ज्यादा थे। बावजूद इसके इस साल अच्छे मानसून की चेतावनी पर भी स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की नींद नही खुली है। बीते वर्षो में डेंगू के चलते कई मौते भी हुई थीं। वहीं अब तक शहर के प्रत्येक इलाके में फागिंग हो जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नही हो रहा है। एंटी लार्वा स्प्रे में भी लापरवाही बरती जा रही है।

चेक कर लीजिए अपना घर

एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि इस मौसम में सबसे पहले घर के भीतर और आसपास जलभराव के कारणों को चेक करना चाहिए। आमतौर पर डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इसलिए घर में रखे प्लास्टिक के खाली डिब्बे, बर्तन, टायर, गमले और पुराने कबाड़ में बारिश का पानी एकत्र नही होने दें। इसके अलावा घर के आसपास गड्ढे में भरे पानी को हटवा दें। ऐसा नही करने से मच्छर बड़ी संख्या में लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

ओपीडी में लगने लगी लाइन

मानसून की शुरुआती बारिश का असर अभी से दिखने लगा है। हास्पिटल की ओपीडी में लगने वाली मरीजों की लाइन इसका जीता जागता गवाह बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना दस से बीस मलेरिया के मरीज दस्तक दे रहे हैं। हालांकि डेंगू का एक भी केस सामने नही आया है। लेकिन जिस तरह से जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है। भविष्य में यह जानलेवा बीमारी अपना कहर बरपा सकती है।

क्या हैं लक्षण

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मलेरिया

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- तेज बुखार, सर्दी, शरीर का कांपना, प्यास लगना, उल्टी होना और बेचैनी

डेंगू

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- तीन से चौदह दिनों में दिखने लगते है लक्षण

- तेज ठंड के साथ बुखार आना

- शरीर और जोड़ों में दर्द होना

- भूख कम लगना

- जी मिचलाना, उल्टी, दस्त और ब्लीडिंग होना

- बुखार होने पर एस्प्रिन की जगह पैरासिटामाल खाएं

बारिश होते ही मच्छर जनित बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। लोगो को आसपास के एरिया में जलभराव से बचना चाहिए। इनमें मच्छर पनपते हैं और फिर संक्रमण होने लगता है। मच्छर लगने पर बच्चों को पूरे बदन के कपड़े पहनाने चाहिए।

डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन

शहर के तमाम इलाकों मे एंटी लार्वा छिड़काव किया जा रहा है। फागिंग कराने का काम नगर निगम का है। हमारी ओर से ग्रामीण एरिया में फागिंग कराई जा रही है।

केपी द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive