- 99, 808 छात्र अब तक मेरठ मंडल में छोड़ चुके हैं बोर्ड परीक्षा

- 42,717 छात्र बीते पांच दिनों में मेरठ में छोड़ चुके हैं बोर्ड परीक्षा

- 21,423 इंटरमीडिएट के छात्रों ने 10 फरवरी तक छोड़ी बोर्ड परीक्षा

- 21,294 छात्रों ने छोड़ी हाईस्कूल में बोर्ड परीक्षा

Meerut । यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती के कारण इस बार महज पांच दिनों में ही मेरठ में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के तकरीबन 42,717 छात्र परीक्षा छोड़ चुके हैं। यह आंकड़ा मेरठ मंडल में सर्वाधिक है। वहीं, दूसरी ओर मेरठ मंडल में परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों का आंकड़ा तकरीबन 99, 808 तक पहुंच गया है। हालत यह है कि परीक्षा केंद्रों में सघन चेकिंग व सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के चलते नकल माफिया दम तोड़ चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा परीक्षा छोड़ने वाले छात्र मेरठ से हैं।

यह है स्थिति

पहली पाली में परीक्षा छोड़ने वाले छात्र

जिला-----इंटर ---हाईस्कूल----कुल

मेरठ --10117--10647--20764

बागपत--2309---1656--3965

गाजियाबाद 2824---4045--6869

हापुड ----931--1482--2413

गौतमबुद्धनगर-1946--2658-4604

बुलंदशहर --3680--5703--9383

कुल योग--21807-26191-47998

दूसरी पाली में परीक्षा छोड़ने वाले छात्र

जिला---इंटर ---हाईस्कूल--कुल

मेरठ -- 11306--10647-21953

बागपत--2594--1656--4250

गाजियाबाद-3099--4045--7144

हापुड--1333--1482--2815

गौतमबुद्धनगर-2340--2658-4998

बुलंदशहर--4947-5703--10650

कुल योग- 25619- 26191- 51810

(10 फरवरी 2018 तक के आंकड़े)

नहीं चल रही मनमानी

किसान हितकारी इंटर कॉलेज सकौती के बाद विभाग की नजरों में कई ऐसे सेंटर्स हैं, जहां अभिभावक ही केंद्र व्यवस्थापकों व अन्य स्टॉफ पर नकल कराने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन विभाग की सख्ती से उनकी मनमानी नहीं चल रही है।

फर्जी शिक्षकों पर नजर

बोर्ड परीक्षाओं में फर्जी शिक्षकों की तैनाती पर भी जेडी कार्यालय व चेकिंग अधिकारियों की विशेष नजर है, जेडी दिव्यकांत शुक्ल की ओर से हुई चेकिंग में इस बात का खुलासा हुआ है। परीक्षा केंद्रों पर तीन फर्जी शिक्षक मिलने के बाद अन्य सेंटर्स पर भी विभाग ने पैनी नजर रखनी शुरु कर दी है।

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यह है व्यवस्था

- परीक्षा सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनसे निगरानी की जा रही है।

- परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस बल तैनात हैं।

- नकल रोकने के लिए उड़नदस्ते परीक्षा केंद्रों पर एक के बाद एक औचक छापे मार रहे हैं।

- परीक्षा केंद्रों के गेट पर ही सघन चेकिंग की जा रही है।

- सभी परीक्षकों के पहचान पत्र बनाए गए हैं। जिस विषय की परीक्षा है, उसके शिक्षकों की ड्यूटी उस दिन नहीं लगाई गई है।

- निगरानी समितियां बनाई गई हैं जो परीक्षा केंद्र पर नज़र रखे हैं।

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परीक्षा छोड़ने वाले अधिकतर छात्र वहीं हैं जिन्होंने नकल करने के आधार पर फार्म भरे थे। सख्ती काफी है।

दिव्यकांत शुक्ल, संयुक्त शिक्षा निदेशक, मेरठ मंडल

पब्लिक कोट्स

बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यह काफी सही फैसला है। इससे छात्रों को पढ़ाई की वैल्यू के बारे में पता चलेगा।

साधना गोयल

बच्चों को यह अहसास होना जरूरी है कि अब नकल नहीं कर पाएंगे। साल भर मेहनत से पढ़ेंगे और शिक्षक भी ध्यान से पढ़ाएंगे।

नीलम सिंघल

व्यवस्था सकारात्मक रूप से बदल रही हैं। ये अच्छी शुरुआत है। सख्ती होगी तो वही बच्चा सफल होगा जिसने पढ़ाई की है।

रुचि सिंघल

Posted By: Inextlive