- मकान में मिले सामना से जताई जा रही आशंका

- मौके पर मिली अगरबत्ती की राख, मंत्र लिखा पत्र

आगरा। थाना शाहगंज के अर्जुन नगर एरिया में मिले मां-बेटी के शव की जांच और उलझ गई है। पुलिस को मकान में एक मंत्र लिखा कागज मिला है। मां की बॉडी के पास अगरबत्ती की राख मिली। इस मामले को अब तंत्र-मंत्र से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।

24 घंटे बीतने के बाद पहुंची फोरेंसिक टीम

शाहंगज के अर्जुन नगर में शनिवार को विमला अग्रवाल व उनकी बेटी बीना के शव उठने के बाद रविवार की सुबह फोरेंसिक टीम पहुंची। टीम ने सबूत मिटने के बाद साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए। टीम को मौके से पुराने कागज, मार्कशीट, एक पत्र आदि सामान मिले, लेकिन मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई। मौके से पुलिस को एक मंत्र लिखा हुआ कागज मिला। मां के शव के पास अगरबत्ती की राख मिली है। पता चला है कि मां बेटी तंत्र-मंत्र में विश्वास रखती थीं। वह अधिकतर पूजा पाठ करती रहती थीं।

घर में नहीं मिला कुछ भी

उनकी रसोई में राशन नहीं था, रुपये के नाम पर 10 से 12 रुपये मिले। रसोई में तीन बाल्टी पानी था। माना जा रहा है कि मां की पेंशन से घर का खर्च चलता था। उसकी मौत के बाद पेंशन आना बंद हो गई। घर में रखा सारा सामान खत्म हो गया। बिजली का बिल जमा नहीं हुआ, तो कनेक्शन कट गया। भूख और प्यास के चलते बेटी ने दम तोड़ दिया। घर में तीन बाल्टी पानी कब और किसने भरा इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी।

ट्रेनिंग देती थी विमला

एक रिटायर्ड हेल्थ सुपरवाइजर ने बताया कि 1975 में विमला जिला अस्पताल में डिस्टिक हेल्थ विजीटर थी। उस दौरान वह विजय नगर कॉलोनी में ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग देती थी। हेल्थ सुपरवाइजर को भी विमला ने ही ट्रेनिंग दी।

पढ़ने में मेधावी थी बीना

विमला की बेटी वीना पढ़ने में मेधावी थी। उसने संगीत से एमए कर रखा था। साथ ही एक और सब्जेक्ट में भी एमए किया था। वह ट्यूशन पढ़ाती थी। उसे सजने संवरने का भी शौक था। वह साड़ी पहनती थी। साथ ही ईयरिंग व चूड़ी भी पहनती थी।

पुलिस ने खाली करवाया था मकान

विमला अग्रवाल 1986 में रकाबगंज में सरकारी आवास में रहने पहुंची थीं। 1990 में वह रिटायर्ड हो गई। इसके बाद भी मां-बेटी ने मकान खाली नहीं किया था। 1996 में पुलिस ने मां-बेटी से मकान खाली करवाया था। उनका सामान घर से बाहर कर दिया था। इसके बाद अर्जुन नगर में 400 रुपये महीने किराए पर कमरा लिया, लेकिन पिछले एक साल से उन्होंने किराया नहीं दिया था। मकान खाली करने को कहा जाता तो वह नया मकान बनने की बात बोल कर टाल देती थीं।

Posted By: Inextlive