मादा गोरिल्ला अपने बच्चों के साथ बातचीत करने के लिए इशारों का सहारा लेती हैं. ताजा वैज्ञानिक शोध में यह नतीजा सामने आया है.

जर्मनी के 'मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर इवोलूशनरी एंथ्रोपोलोजी' की इवा मारिया लूफ की टीम ने अपने इस शोध के दौरान गोरिल्ला पर गहन अध्ययन करने के अलावा उसके अपने बच्चों के साथ व्यवहार व हाथों के इशारों से संवाद को कैमरे में कैद किया।

इवा और उनकी साथी कात्जा लिबे ने जर्मनी के लिपजिक चिड़ियाघर और ब्रिटेन के हॉवलेट्स एंड पोर्ट लेपने वाइल्ड एनिमल पार्क्स में कई गोरिल्ला पर 120 घंटे का वीडियो तैयार किया।

प्यार भरी थपकीइन फुटेज का अध्ययन करने के दौरान पाया गया कि बाकी व्यस्क गोरिल्ला से व्यवहार की तुलना अपने बच्चों के साथ खेलने के दौरान माता गोरिल्ला कहीं अधिक सुनियोजित इशारे करतीं हैं। इसमें उन्हें छूने के अलावा प्यार से थपकी और चपत भी शामिल है।

लूफ ने बताया, “माता गोरिल्ला अपने बच्चों के साथ इस व्यवाहार को बार-बार दोहराती हैं.” इसके लिए उन्होंने ममता भरे एक खास इशारे का जिक्र किया जिसे उन्होंने ‘हैंड आन’ का नाम दिया है। लूफ के अनुसार, ''इसमें माता गोरिल्ला बच्चे के सिर पर सपाट हाथ रखती है। यह उसके लिए रुकने का इशारा है। यानि कि अब और शरारत नहीं.''

और शरारत नहीं

गोरिल्ला आपस में इस इशारे का बहुत इस्तेमाल करते हैं। इससे साफ है कि जानवरों में भी ‘बस अब और नहीं' की प्रवृति पाई जाती है। लेकिन माता गोरिल्ला अपने बच्चों के साथ ऐसा कई बार करती है।

शोधकर्ताओं की नजर में माता गोरिल्ला का यह व्यवहार बिना बोले ममता लुटाने जैसा है। इससे बच्चों को सांकेतिक भाषा सीखने का मौका मिलता है जो बडे़ होकर बाकी गोरिल्ला समूह के साथ संपर्क और संबंध स्थापित करने में मददगार साबित होती है।

हालांकि यूनिवर्सिटी आफ सेंट एंड्रयू के प्रोफेसर रिचर्ड बायरन ने इस शोध पर शंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि गोरिल्ला की कोई भाषा नहीं होती। इसलिए इसे मानव व्यवहार के साथ मिलाने की जरूरत नहीं है।

वैसे बायरन को एक दूसरे की तुलना गोरिल्ला का बच्चों के साथ भिन्नता से पेश आना काफी रोचक लगा। बायरन ने कहा, “इससे साफ है कि व्यस्क मादा को पता है कि बच्चों के साथ संवाद करना इतना आसान नहीं है। इसलिए वे बच्चों के साथ अलग तरह से पेश आती हैं”

Posted By: Inextlive