RANCHI: स्टूडेंट्स अपनी लाइफ में निगेटिव थॉटस की एंट्री न होने दें। वहीं, जो निगेटिविटी है उसे भी अपनी बुद्धि, टैलेंट और सूझ-बूझ से पॉजीटिविटी में बदल दें। तभी आगे सक्सेस पा सकते हैं। ये बाते मेंटर स्पीकर मिलन सिन्हा ने डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए कहीं। मिलन सिन्हा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी की ओर से बरियातू स्थित डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल में मानव रचना वर्कशॉप में स्टूडेंट्स को मोटिवेट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को एग्जाम का स्ट्रेस जरा भी नहीं लेना चाहिए। समय पर सारी तैयारियां कर ली जाएं तो स्ट्रेस होगा ही नहीं। उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि स्टूडेंट्स एग्जाम से तीन महीने पहले रेगुलर तीन घंटे स्टडी करना शुरू कर दें तो 100 परसेंट श्योर है कि एग्जाम से पांच दिन पहले ही उनकी तैयारी बेहतर हो जाएगी और सभी पेपर अच्छे लिखेंगे, इसका असर आपको अपने रिजल्ट में नजर आएगा।

स्ट्रेस दिमाग में चलता है बॉडी में नहीं

मोटिवेटर मिलन सिन्हा ने कहा कि स्ट्रेस बच्चों के दिमाग में होता है। बाकी बॉडी के किसी हिस्से में स्ट्रेस नहीं होता। स्ट्रेस की कोई साइज नहीं होती। यह बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी में हो सकता है। सिर्फ इसके कारण बदल जाते हैं। लेकिन इस स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है। अपनी जिंदगी में बदलाव को अपनाते जाएं, कल क्या होगा, क्या करेंगे, आईआईटी या मेडिकल निकाल पाएंगे इन सबके बारे में न सोचें। आज को एन्जॉय करें। स्ट्रेस दूर करने के उपाय बताते हुए मिलन सिन्हा ने बताया कि तनाव महसूस होने पर पानी खूब पीएं, गहरी सांस लें, बाथ ले लें, खुलकर हंसे और अपनी फेवरिट म्यूजिक सुन लें।

खुद को तलाशें, खुद को तराशें

मिलन सिन्हा ने कहा कि अपने अंदर के टैलेंट को खुद पहचानें, कोई बाहर वाला आपके अंदर की खूबी को नहीं पहचान सकता। अपनी कमी जानते हुए उसे दूर करने का पूरा प्रयास करें। खुद को तलाशें और खुद को तराशें, इसके बाद दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती।

खुद तय करें क्या करना है

मानव रचना यूनिवर्सिटी से आए अभिषेक ने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि बच्चों को अपने करियर में क्या करना है, यह उन्हें खुद तय करना चाहिए। पेरेंट्स की बात या अपने दोस्तों को देख कर अपना डिसीजन न लें।

.---------

फीडबैक

स्कूल में ऐसे वर्कशॉप की बहुत जरूरत है। आज टाइम के साथ-साथ पढ़ाई का प्रेशर बहुत बढ़ गया है। इससे कई बार दिमाग में स्ट्रेस बढ़ जाता है। कई बार तो तबीयत भी बिगड़ जाती है। वर्कशॉप में स्ट्रेस को कैसे हैंडल करें, यह जानने का मौका मिलता है।

----अर्पणा सिन्हा

वर्कशॉप में शामिल होकर काफी अच्छा लगा। काफी कुछ सीखने का मौका मिला। स्कूल के अलावा ट्यूशन और घर पर भी पढ़ाई का प्रेशर होता है। किस फील्ड में करियर बनाना है, इसका भी टेंशन रहता है। वर्कशॉप में करियर संबंधी भी जानकारी मिली, जो आगे काम आएगी।

----आनंदमयी

स्कूल में ऐसे वर्कशॉप हम सभी को काफी कुछ सीखने का अवसर देते हैं। सिलेबस से हटकर ऐसी चीजों की जानकारी का होना भी बहुत जरूरी है। वर्कशाप में स्ट्रेस कम करने की जो बात बताई गई, वो बहुत अच्छी लगी।

---- अंजली राज

अच्छा लगा वर्कशाप में आकर। बहुत से पार्ट अच्छे लगे। करियर काउंसिलिंग, तनाव कम करने के उपाय, टाइम मैनेजमेंट जैसे कई टॉपिक पर लाभदायक जानकारियां मिलीं। भविष्य में भी ऐसे प्रोग्राम होते रहने चाहिए।

---अंकित राज

एग्जाम की तैयारी कैसे करें, इस पर कई अच्छी-अच्छी बातें बताई गई। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट कैसे किया जाए, स्ट्रेस से कैसे दूर रहा जाए ये सभी जानकारियां दी गईं। वर्कशाप में शामिल होकर बहुत अच्छा लगा।

----प्रशांत कुमार

स्कूल में एग्जाम स्टार्ट होने वाला है। उससे पहले इस तरह के वर्कशाप से स्टूडेंट्स के कई सवालों का सॉल्यूशन होगा। बच्चों को डिफरेंट सब्जेक्ट पर एक्स्पोजर देने से और स्टूडेंट्स की रेगुलर तैयारी कराने से किसी प्रकार का स्ट्रेस नहीं होगा। वर्कशाप में बच्चों को बहुत सी बातें सीखने का अवसर मिलता है।

-स्वेता मलानी, प्रिंसिपल, डीएवी नंदराज

Posted By: Inextlive