ध्यान के शारीरिक और मानसिक बहुत से फायदे हैं। यह सुरक्षित असरदार और नि:शुल्क है। जब हम एक बार ध्यान की विद्या सीख लेते हैं तब हम हमारे पास अंतर में हर समस्या का समाधान तैयार होता है जिसका इस्तेमाल हम किसी भी वक़्त और जगह पर कर सकते हैं...


features@inext.co.inKANPUR : इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज अधिकतर लोग बेहद तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। हमारी जिंदगी पर बोझ इतना ज़्यादा बढ़ गया है कि इससे हमारे जिस्म और दिमाग दोनों बुरी तरह प्रभावित होने लगे हैं। हम देखते हैं कि आज के लोग चिंता, दहशत, उदासी, और बेबुनियाद डर के आलम से गुज़र रहे हैं। लोग जिंदगी के दुखों का सामना नहीं कर पाते और यही कारण है कि मनोचिकित्सकों, मनोविज्ञानिकों और हृदय-चिकित्सकों के कक्ष आज भरे हुए नजर आते हैं। हम आर्थिक रूप से घोर विपत्ति के आलम में हैं। हम टूटे हुए वैवाहिक रिश्तों और उजड़े हुए घरों को बसाने का यत्न कर रहे हैं। कुछ लोग उस उदासी के माहौल से चिंतित हैं, जो उनके किसी प्यारे के चले जाने के डर से उत्पन्न हो सकता है। तनाव मन पर करता है बुरा असर


ये सब हलचल और तनाव सिर्फ हमारे मन पर ही असर नहीं करते। वैज्ञानिक खोज ने प्रमाणित कर दिया है कि दिमाग और जिस्म का आपस में गहरा ताल्लुक है। हमारी दिमागी तौर पर अस्वस्थ हालत कई प्रकार की तनाव संबंधी बीमारियों को जन्म देती है। अध्ययन ने यह साबित कर दिया है कि जब हम गुस्से में होते हैं या बहुत ज्यादा भावुक होते हैं, तब हमारे शरीर में एक अजीब तरह की हरकत होती है जो हमें लडऩे या सबकुछ छोड़ कर भाग जाने के लिये विवश करती है, पर हम समाज के नियमों से डर से चुपचाप सब सह लेते हैं और अपनी भावनाओं को दबाकर अंदर ही अंदर घुलते रहते हैं। इसका असर यह होता है कि हम शारीरिक रूप से प्रभावित होते हैं और कई प्रकार की बीमारियों के शिकार होते हैं। इनका समाधान यह नहीं है कि हम अपने गुस्से को आवश्यक तौर पर लड़ाई की शक्ल में निकालें, या सब कुछ छोड़कर भाग जायें, बल्कि ऐसा करने से तो हमारे रिश्ते और खराब हो सकते हैं। ज़रूरत है कि हम कोई ऐसा तरीका निकालें जिससे तनाव के दिमागी, भावनात्मक, और शारीरिक प्रभाव को दूर किया जा सके।आदमी पशु भी बन जाए तो कोई हर्ज नहीं, वैसे भी आज मनुष्य जानवर से भी बदतर हो गया है: ओशोमोक्ष का असली अर्थ शरीर से मुक्ति नहीं: साध्वी भगवती सरस्वतीध्यान के शारीरिक और मानसिक फायदे

ध्यान के शारीरिक और मानसिक, बहुत से फ़ायदे हैं। यह सुरक्षित, असरदार, और नि:शुल्क है। जब हम एक बार ध्यान की विद्या सीख लेते हैं, तब हम हमारे पास अंतर में हर समस्या का समाधान तैयार होता है, जिसका इस्तेमाल हम किसी भी वक़्त और जगह पर कर सकते हैं। ध्यान दो प्रकार से हमारी मदद करता है। पहला, यह हमें जिस्मानी तौर पर षांत करता है। दूसरा, हम इसके ज़रिये उस अवस्था में पहुंच जाते हैं जहाँ हम प्रभु के प्यार और परमानंद में इस कदर खो जाते हैं कि हम भौतिकजगत के दुखों-दर्दों को भूल जाते हैं। ध्यान के समय हमारी सांसारिक समस्याएं ज्यों की त्यों रहती हैं, पर ध्यान के ज़रिये हम भौतिक जगत में रहते हुए भी प्रभु की याद और उसके आनंद में इस कदर मदमस्त रहते हैं कि हमें अपनी समस्याओं और दुखों-दर्दों का आभास नहीं होता है। सांसारिक तनाव और दबाव होने के बावजूद हमारे ख्य़ाल, सोचने की षक्ति, और भावनाओं में संतुलन रहता है। हम अपने तनाव पर आसानी से काबू पा लेते हैं।संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

Posted By: Vandana Sharma