यह भी जानें

-7000 हजार केस एक्सीडेंटल क्लेम के पेंडिंग

-11 जुलाई को क्लेम ट्रिब्यूनल किया गया ओपन

-17 जुलाई को न्यायिक अधिकारी का हुआ ट्रांसफर

-30 डिस्ट्रिक्ट में बनकर तैयार हुआ क्लेम ट्रिब्यूनल

-4 डिस्ट्रिक्ट में भी जल्दी शुरू किया जाएगा क्लेम ट्रिब्यूनल

फ्लैग- एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों की तुरंत सुनवाई के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सामने बनाया गया मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण

- एक्सीडेंटल क्लेम के पेंडिंग केसों के साथ ही नए मामलों का भी होगा निस्तारण

- मामलों की सुनवाई के लिए पीठासीन अधिकारी की हुई तैनाती, बढ़ते केसों के फौरन निस्तारण के लिए उठाया गया कदम

बरेली: अगर आप कोई एक्सीडेंटल क्लेम पाने के लिए सालों से चक्कर लगा रहे हैं तो यह न्यूज आपके लिए ही है। डिस्ट्रिक्ट में बढ़ते एक्सीडेंटल पेंडिंग केसों के निस्तारण के लिए शहर में ही मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण यानि 'क्लेम ट्रिब्यूनल' ओपन हो गया है। जिसमें सिर्फ एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों की सुनवाई होगी। मामलों के निस्तारण के लिए एक पीठासीन अधिकारी की तैनाती भी हो गई है। साथ ही तीन अन्य लोगों का स्टाफ भी होगा, जो फाइल वर्क पूरा करेंगे।

अब नहीं लगाने होंगे चक्कर

अभी तक एक्सिडेंटल क्लेम के लिए पीडि़त कोर्ट के चक्कर लगाते थे। कोर्ट में वर्क लोड की वजह से सालों तक केस पेंडिंग पड़े रहते हैं। जिससे उन्हें क्लेम पाने के लिए काफी वेट करना पड़ता था। परिवहन आयुक्त के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट में अलग से कोर्ट बनाने के लिए आदेश दिया था। जिसके तहत शहर के जिला जज कोर्ट के सामने एक निजी होटल के फ‌र्स्ट फ्लोर पर 'क्लेम ट्रिब्यूनल' ओपन किया गया। जिससे एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों की फौरन सुनवाई हो सके।

कोर्ट से आने लगी फाइलें

एक्सीडेंटल केसों की सुनवाई के लिए एक पीठासीन अधिकारी संजय डे की तैनाती हुई। साथ ही रोजगार ऑफिस के क्लर्क मदन लाल, आपूर्ति विभाग के मदन लाल और गन्ना विभाग के भी एक कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाया है। क्लेम ट्रिब्यूनल में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से फाइलें और पेपर्स भी आने हैं। जबकि 17 जुलाई को पीठासीन अधिकारी संजय डे का ट्रांसफर हो गया। उनकी जगह पर नए पीठासीन अधिकारी की तैनाती जल्द ही की जाएगी। जिससे मामलों का फौरन निस्तारण हो सके।

बोर्ड देखकर पहुंच रहे लोग

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सामने एक निजी होटल के गेट पर मोटर 'क्लेम ट्रिब्यूनल' का बोर्ड देखकर लोग कोर्ट में पहुंचने भी लगे हैं। वहीं कोर्ट में आने वाले एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों को भी क्लेम ट्रिब्यूनल में ही भेजा जा रहा है। लेकिन पीठासीन अधिकारी न होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है।

कोर्ट की तरह होगा काम

क्लेम ट्रिब्यूनल में तैनात स्टाफ ने बताया कि यहां पर भी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की तरह ही काम होगा। लेकिन यहां पर सिर्फ एक्सीडेंटल क्लेम के मामलों की सुनवाई होगी तो निस्तारण जल्द ही हो जाएगा। साथ ही चक्कर भी नहीं लगाने होंगे।

बचेगी लखनऊ की दौड़

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक्सीडेंटल क्लेम के कई मामलों में निर्णय आने के बाद अगर पीडि़त सेटिसफाइ नहीं होता था तो उसे लखनऊ कोर्ट में अपील करने जाना पड़ता था। जिससे पीडि़त का काफी समय और रुपए बर्बाद होते थे। लेकिन अब ऐसे मामलों की सुनवाई भी क्लेम ट्रिब्यूनल में ही हो जाएगी।

-क्लेम ट्रिब्यूनल ओपन होने से पब्लिक को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इससे पब्लिक का समय बचेगा और मामले भी जल्दी सुलझ जाएंगे।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

क्लेम ट्रिब्यूनल खुलने से वादकारियों का समय व खर्चा बचेगा। कम समय में अपील व मुकदमे जल्द निपटेंगे। इसका सीधा लाभ वादकारियों को मिलेगा। क्योंकि जल्द ही फैसला मिल जाएगा।

उमंग रावत एडवोकेट

हाईकोर्ट को गुमराह कर क्लेम ट्रिब्यूनल ओपन करा दिया गया। लेकिन इसकी बरेली में तो जरूरत ही नहीं थी क्योंकि यहां पर इतने केस भी नहीं हैं। अब कोर्ट ओपन हो गया तो वहां पर स्टाफ नहीं है। इससे केस पेडिंग और बढ़ रहे हैं।

हरीश भाटिया, एडवोकेट

Posted By: Inextlive