आर.माधवन और राजकुमार हिरानी की जोड़ी एकबार फिर दर्शकों के सामने 'साला खड़ूस' लेकर आ रही है। हालांकि फिल्‍म का नाम काफी अलग है अब इसके पीछे की असल वजह क्‍या है यह तो अभी पता नहीं। लेकिन हां शुक्रवार को जब यह फिल्‍म सिनेमाघरों में रिलीज होगी तो दर्शक आर.माधवन के खड़ूस लुक को ज्‍यादा अच्‍छे से समझ पाएंगे। खैर आज बात करते हैं फिल्‍म प्रिव्‍यु की....

बॉक्‍सर का होता है एक सपना
आदि तोमर यानी कि आर.माधवन ने भारत के लिए मुक्‍केबाजी में स्वर्ण पदक जीतने का एक सपना देखा था। लेकिन उसके सपनों के पंख तब कुतर दिए गए, उसके दस्तानों के साथ एक महत्पूर्ण मैच में छेड़खानी कर साजिश रची गई। इस मैच ने आदि की जिंदगी बदल दी और उसे एक औसत दर्जे के बॉक्सर, लेकिन राजनीतिक रूप से मजबूत प्रतिद्वंद्वी के हाथों शिकस्त झेलना पड़ी। यह साजिश रचने वाला और कोई नहीं बल्‍िक उसका अपना ही कोच देव खत्री था। इस घटना ने आदि को अंदर तक तोड़ दिया था। बॉक्सिंग से उसका मोह मंग हो गया। उसका जीवन शराब, वेश्यालयों और लड़ाई में तब्दील हो गया। उसके वफादार दोस्त उसे किसी तरह एक निचले दर्जे की भारतीय महिला बॉक्सिंग टीम का कोच बन जाने के लिए राजी करते हैं जिसके लिए उसे चेन्नई भेजा जाता है।

लड़की को बनाता है अच्‍छा बॉक्‍सर
चेन्‍नई पहुचंकर आदि अपने अधूरे पड़े सपने को पूरा करने की कोशिश करता है। जिसके लिए वह मधी नामक एक उत्साही लड़की को चुनता है जो मछुआरा समुदाय से है। आदि को उसमें एक चैम्पियन नजर आता है। मधी के जरिये आदि अपना गोल्ड जीतने का सपना पूरा करना चाहता है, लेकिन आदि के पास उसका विश्वास जीतने, उसे प्रशिक्षित करने और अपना सपना पूरा करने के लिए नौ महीने हैं। नौ महीने बाद वर्ल्‍ड चैम्पियनशिप होने वाली है और शुरू होती है एक असहज साझेदारी की यात्रा जिसमें एक पुरुष को अपने खेल से प्यार है और लड़की को अपनी आजादी से प्यार है। यह एक सुंदर दोस्ती की भी शुरुआत है जिसकी यात्रा एक असंभव सपने को पूरा करने की दिशा में आरंभ होती है। फिल्‍म का निर्देशन सुधा कांगरा प्रसाद ने किया है। वहीं आर.माधवन, रितिका सिंह, नासेर और जाकिर हुसैन लीड रोल में नजर आएंगे।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari