मनीष श्रीवास्‍तव की चार्ली के चक्‍कर में मुंबई की भीतरी परत की सच्‍चाइयां हैं। ऊपर से यह शहर बिल्‍कुल अलग नजर आता है। थोड़ा खुरचें तो एक अलग दुनिया है जिसमें अपराध ड्रग गैरकानूनी हरकतें और फिल्‍मों के अधूरे सपने हैं।


अंधेरी सुरंग की ओरख्‍वाहिशों के इस शहर में यह भांप पाना मुश्किल है कि कौन सी गली अंधेरी सुरंग की ओर ले जाएगी। चार्ली के चक्‍कर में कुछ अपराधी और स्‍वार्थी तत्‍व मिल कर मासूमों को फंसाते हैं और अपने मकसद को अंजाम देते हैं। मनीष श्रीवास्‍तव ने ऐसे ही कुछ शातिर और शरीफ किरदारों के साथ यह कहानी बुनी है। फिल्‍म में ढेर सारे नए कलाकार हैं। उन्‍हें परफारमेंस के लिए जहां-तहां कुछ सीन मिले हैं। वे जाहिर करते हैं कि वे मिले हुए मौके के प्रति गंभीर हैं। Movie: Charlie kay chakkar meinDirector: Manish SrivastavCast: Anand Tiwari, Amit Sial, Naseeruddin Shah, Manasi Rachh, Subrat Datta, Disha डायरेक्‍ट और क्रॉस कनेक्‍शन
लगभग सभी नए कलाकारों ने अपने दृश्‍यों में प्रभावित किया है। फिल्‍म में किरदारों की संख्‍या ज्‍यादा है और कहानी सांप-सीढ़ी की तरह चलती है, इसलिए उन्‍हें पर्याप्‍त अवसर नहीं मिल पाए हैं। दूसरे उन किरदारों के डायरेक्‍ट और क्रॉस कनेक्‍शन भी हैं। अपराध की दुनिया की फिल्‍मों से प्रभावित यह फिल्‍म कुछ अलग होने की कोशिश करती है, लेकिन मनीष उसमें सफल नहीं हो पाए हैं। कारण यही है कि कहानी उलझी और सीमित है। उसमें घटनाएं ज्‍यादा रची गई हैं।


नए कलाकारों के साथ
सभी घटनाओं को समुचित आधार और विस्‍तार नहीं मिला है। इस फिल्‍म में नसीरुद्दीन शाह, सुब्रत दत्‍ता, अमित स्‍याल और आनंद तिवारी जैसे सधे अभिनेता हैं। उन्‍होंने अपने परफारमेंस से इस फिल्‍म को रोचक बनाया है। उन्‍हें साथ में या नए कलाकारों के साथ देखना अच्‍छा लगता है। सधे कलाकारों ने नए कलाकारों को परफारमेंस के लिए स्‍पेस दिया है। Review by: Ajay Brahmatmajabrahmatmaj@mbi.jagran.com

inextlive from Bollywood News Desk

Posted By: Shweta Mishra