बॉलीवुड अभिनेता कुणाल खेमू एक बार फिर पर्दे पर कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। 30 अक्‍टूबर को रिलीज हुई उनकी एडल्ट कॉमेडी फिल्म ‘गुड्डू की गन’ काफी इंट्रेस्‍टिंग है। अगर आप फिल्‍म देखने जा रहे हैं तो समझ लीजिए आप हंस-हंसकर हो जाएंगे लोटपोट....

गुड्डू के प्राइवेट पार्ट की है कहानी
गुड्डू की गन एक सेक्‍स कॉमेडी फिल्‍म है। जिसकी कहानी नायक यानी गुड्डू (कुणाल खेमू) के प्राइवेट पार्ट से शुरु होती है। गुड्डू तब परेशान होता है जब उसका ऑर्गन सोने का बन जाता है। हालांकि फिल्‍म का आधार ही चेहरे पर हंसी ले आता है। ऐसे में बनाने वाले के कांफिडेंस की दात देनी होगी जिसने एक मेल ऑर्गन पर ही 2 घंटे की फिल्‍म बना दी। गुड्डू बने कुणाल खेमू एक लोकल डॉन जुआन है जोकि घर-घर जाकर भाभियों को वाशिंग पाउडर बेचता है और उनकी कामुक इच्‍छाओं की पूर्ति भी करता है। गुड्डू को अपने ऑर्गन पर काफी घमंड है, जिसकी वजह से मोहल्‍ले की भाभियां बेड पर उसके साथ काफी खुश रहती हैं। लेकिन एक दिन सुबह उठते ही गुड्डू का प्राइवेट पार्ट अचानक सोने का बन जाता है। क्‍योंकि उसे किसी ने श्राप दिया होता है।


कॉमेडी देखकर हंसकर हो जाएंगे लोटपोट
इस फिल्‍म में सबसे अच्‍छी बात यह रही कि, बेतुकी बातों को एक शैली में पिरोया गया है। जिसमें कि डबल मीनिंग डॉयलाग और उत्‍तेजक सींस की भरमार है। फिल्‍म में गन एंड पुन शब्‍द काफी बार प्रयोग किए गए हैं। इसके अलावा स्‍िक्रप्‍ट राइटर ने लिंग (मेल ऑर्गन का संस्‍कृत शब्‍द) शब्‍द का भी बहुत इस्‍तेमाल किया। जैसा कि फिल्‍म का नेचर ऑर प्‍लॉट है उसी तरह फिल्‍म में भी सेक्‍स कॉमेडी खूब की गई है। इन्‍हें देखते हुए आप हंसते-हंसते पागल भी हो सकते हैं। इसके बावजूद अंत में स्‍क्रिप्‍ट थोड़ी लड़खड़ाती हुई नजर आती है। क्‍योंकि क्‍लाइमेक्‍स काफी लंबा लगने लगता है। किरदारों की बात की जाए, तो कुणाल की बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग (गो गोआ गान) में हम सभी देख चुके हैं। ऐसे में गुड्डू का रोल भी खेमू ने जबरदस्‍त निभाया है। वहीं गुड्डू के दोस्‍त लड्डू ने काफी अच्‍छा सहयोग दिया है।  
Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari