अब आप मानते हैं या नहीं पर डायरेक्‍टर विशाल महादकर ये जताने की कोशिश जरूर कर रहे हैं कि भूत होते तो हैं और आप को किसी मरने वाले के प्‍यार पर यकीन है तो मर कर भी आपका ख्‍याल रख सकता है.


सनी (रणविजय सिंह) एक टीवी रियल्टी शो का सक्सेजफुल होस्ट है. उसके दो चाइल्डहुड फ्रेंडस राज (केविन देव) और साइरस (सलिल आचार्य) उसके कलीग भी हैं. शो की 100 एपिसोड पार्टी में सनी अपनी 8 साल पुरानी गर्लफ्रेंड सारहा (अनंदिता नायर) को सबके सामने घुटनों के बल बैठ कर प्रपोज करता है और अपने प्यार और रिश्ते की निशानी के तौर पर खूबसूरत सी रिंग पहनाता है. साराह भी अपने प्यार को एक नाम मिलने से बेहद खुश है और पार्टी में गुनगुनाते हुए सारी दुनिया को भूल कर बस एक दूसरे में डूब जाते हैं और अपने प्यार भरे बीते लम्हों को याद करते हैं.  Proudcer: Siddharth Atha, Nittin Keni, Richard De VardaDirector:  Vishal S MahadkarCast: Rannvijay Singh, Anindita Nayar, Salil Acharya, Kavin DaveRating: 2.5/5 star


पार्टी के बाद दोनों अपने रूम में आते हैं और साराह जो एक जनर्लिस्ट है कहीं जाने की तैयारी करने लगती है. सनी के पूछने पर वो बताती है वो रुद्रा मिल्स में घोस्टस की एग्जिस्टेंस से जुड़ी स्टोरी कवर करने जा रही है. क्योंकि इस मिल के साथ कई हांटेड स्टोरीज जुड़ी हुई हैं. सनी उसका मजाक उड़ाता है कि घोस्ट नहीं होते और उसे अपने प्यार का वास्ता दे कर रोकने की कोशिश करता है, लेकिन सराह हंस कर चली जाती है कि उसे यकीन है कि भूत होते हैं.

रोने की तेज आवाज से सनी की नींद अचानक टूट जाती है घड़ी में टाइम है 3 A M. ऑलमोस्ट पैरालाइज्ड और स्पीचलेस सनी अपने सामने साराह को देखता है जो रो रही है और उससे कहती है कि वो उससे बेहद प्यार करती है पर उससे दूर जा रही है और उसे किस करके फाइनल गुडबाई कह कर चली जाती है. सनी की आंखों की कोर से एक आंसू बहता हुआ उसके गालों तक आता है. सनी जब अपने सेंसेज मे आता है तो पागलों की तरह साराह को फोन मिलाता है पर फोन स्विच ऑफ है. फिर अचानक सनी के फोन की घंटी बजती है है और पता चलता है कि ठीक 3 A M पर सराह की डेडबॉडी रुद्रा मिल कंपाउंड में लटकी पायी गयी है. सनी शॉक्ड होकर एक शैल में बंद हो जाता है और जब बाहर आता तो उसी रुद्रा मिल में एक नए शो की शुरूआत करता है ये पता करने के लिए पैरानॉमर्ल स्टोरीज में कितना सच है और साराह उसे मिल जाए इस विश को पूरा करने के लिए. लेकिन ये कोशिश उसे उस मुकाम पर ले आती हैं जहां प्यार को खोने के दर्द में फ्रेंडस को भी खोने का डर शामिल हो जाता है. इसके बावजूद उसे मानना होता है कि भूत होते हैं.  कहानी कुछ भी हो पर आप उसी मोड़ पर खड़े रहते हैं कि मानें या ना मानें क्योंकि फिल्म में ऐसा नया कुछ नहीं है जो आपने पहले ना देखा हो. डायरेक्टर ने साउंड और लाइट के इफैक्ट से माहौल तो तैयार किया है पर कहानी आधी रात की है 3 A M  की है या अमावस की रात की उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है. म्यूजिकल फिल्म बनाने का दावा जरुर है पर फिल्म का म्यूजिक भी आर्डिनरी ही है. अनंदिता के करने के लिए कुछ है नहीं और रणविजय ने कुछ किया नहीं है. कुल मिला कर ये एक एवरेज फिल्म है जिसे आप बस टाइम पास करने के लिए देख सकते हैं.

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Posted By: Molly Seth