पुनर्जन्म पर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं। शुभाष घई की कर्ज के बाद जो चलन चला उसमें हर दो एक साल में एक पुनर्जन्म की कहानी आ ही जाती है। राबता भी ऐसी ही एक फिल्म है। कैसी है ये कहानी आइये आपको बताते हैं।


कहानीशिव (सुशांत) की मुलाकात विलायत में चॉकलेट बनाने वाली सायरा (कृति) से होती है। पहली नजर का प्यार होने के बाद उन्हें एक दिन जाकिर(जिम) मिलता है। जो की एक बिजनसमैन है और पिछले जन्म की परतें खुलने लगती हैं। जो अधूरा है वो इस जन्म में पूरा करना है शिव और सायरा को।क्या ? जानने के लिए देख सकते हैं राबता।पटकथा और निर्देशन


कहानी में कोई नयापन नहीं है, रन ऑफ द मिल राइटिंग के चलते और एक कसा हुआ स्क्रीनप्ले न होने की वहज से फिल्म काफी कंफ्यूज करती है। न तो आपको प्रेजेंट डे की कहानी में कोई दिलचस्पी होती है न ही पिछले जनम की कहानी में। फिल्म की घटनाएं बेहद रूटीन सी हैं इसलिए कोई परालौकिक फीलिंग नहीं आती। फिल्म के डाइलोग बेहद वीक हैं जिनके कारण आप फिल्म में एनग्रोस नहीं हो पाते। पिछले जनम की रहस्यमयी भाषा तो और भी कॉमिक साउंड करती है। फिल्म के विसुअल्स बहुत अच्छे हैं मेकअप और कॉस्टयूम लाजवाब हैं। फिल्म की एडिटिंग बेहद बेलगाम है जिससे पूरी फिल्म अतीत और वर्त्तमान में भटकी फिरती है।अभिनय

सुशांत और कृति का अभिनय काफी अच्छा है। कृति ने इस फिल्म से अपनी प्रतिभा दिखाने की शुरवात कर दी है। आई एम् इम्प्रेस्ड। सुशांत ने भी काफी अच्छा काम किया है। दोनों की केमिस्ट्री अच्छी है। यही कारण है की ‘मुंबई की गड्ढों से भरी सड़कों’, जैसी बम्पी कहानी को भी ये दोनों स्मूथ कर देते हैं। जिम सर्भ को हिंदी सीखने की सख्त जरुरत है। उनकी अधकचरी जबान उनकी अदाकारी की मिटटी पलीद कर देती है। फिल्म की बाकी कास्टिंग ठीक ठाक है।संगीतदिनेश विजान की निर्मित फिल्मों का संगीत उसका हाईपॉइंट होता है, कॉकटेल हो या हिंदी मीडियम, पर उनकी खुदकी फिल्म का संगीत काफी वीक है। फिल्म का पार्श्वसंगीत काफी अच्छा है। कुलमिलाकर राबता एक ठीक ठाक सी टाइमपास फिल्म है। कोई नयापन नहीं है पर फिर भी कृति और सुशांत की अदाकारी और बढ़िया एक्शन के लिए इस हफ्ते देखि जा सकती है ये फिल्म।बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शनफिल्म अपने पूरे रन में ५५ से ६० करोड़ तक कमा सकती है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra