रांझना एक आम प्‍यार के खास बनने की कहानी है. हिंदी रिलीज के एक वीक बाद इसका तमिल में डब्‍ड वर्जन रिलीज किए जाने के चांसेज भी हैं.


साउथ के एक्टर धनुष ने यूपी बनारस के मिडिल क्लास ब्वॉय कुंदन का करेक्टर पूरे कन्विक्शन के साथ निभाया है. ये फिल्म की कहानी आपकी भी हो सकती है और आपके फ्रेंड या नेबर की भी क्योंकि ऐसी लव स्टोरीज हर बार हर जगह जन्म लेती हैं फर्क तो कभी उनके ट्रीटमेंट और कभी अंजाम में दिखता है. रांझना के मामले में ये फिल्म के ट्रीटमेंट में नजर आता है.


13 साल की एज में कुंदन फर्स्ट टाइम जोया (सोनम कपूर) को बनारस के बिजी मार्केट में तांगे पर बैठे देखता है और उसकी मिस्चावियस आंखों में डूब जाता है. हर दिन वो मार्केट से घर तक जोया को फॉलो करता है और एक दिन उसे बता देता है कि वो उससे बहुत प्यार करता है. टीन एज की छोटी छोटी शरारतों में वक्त बीतने लगता है. जोया, कुंदन को कभी सीरियसली नहीं लेती और उसकी प्लानिंग में उससे शादी नहीं होती.

एक दिन वो दिल्ली के एक कॉलेज में एडमीशन लेने चली जाती है और मासूम गॉड फियरिंग शिव भक्त कुंदन उसकी यादों को अपने दिल में बसाए बनारस में ही रह जाता है. दिल्ली में जोया की मुलाकात अपने साथ पढ़ने वाले अकरम (अभय देयोल) से होती जो कॉलेज में पॉलिटिकल एक्टिविटीज में तो पार्टिसिपेट करता ही है फ्यूचर में भी पॉलिटिक्स में अपना करियर बनाना चाहता है. दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठते हैं. दिल्ली से लौट कर आयी जोया को देख कर कुंदन खुशी से पागल हो जाता है और जोया से अपने रिश्ते को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की बात करना चाहता है पर उससे पहले ही जोया उसे बताती है कि उन दोनों के बीच जो कुछ हुआ वो बचपना था और वो उसकी जिंदगी में कहीं था ही नहीं वो तो अकरम से शादी करना चाहती है जिसमें उसे कुंदन की हेल्प चाहिए. कुंदन टूट कर बिखर जाता है उसे समझ नहीं आता कि अब वो क्या करे कहां जाए. यहां से शुरू होता है तीन दीवानों के रांझना बनने का सफर और आपका नास्टेलजिया या कुछ के लिए आईना देखने का अहसास .  

भोलेपन में कैसा नशा होता है ये आपको धनुष के रोल में फिल्म में हर फ्रेम में दिखेगा. नया कुछ भी नहीं होकर भी प्यार क्यूं नया नया लगता है ये आपको सोनम की मासूमियत में दिखेगा और स्मार्ट होने और प्यार में होने के बीच क्या फर्क है ये अभय देयोल आपको अपनी एक्टिंग से सिखा देंगे. इस फिल्म में ट्रैंगल है पर ये लव ट्रैंगल नहीं है इसमें प्यार है पर सेल्फिशनेस में भी इनोसेंस है. डायरेक्टर आनंद एल रॉय ने कहानी को बेहद सेंसटिव मूड में बनाया है और अपना कंट्रोल बनाए हुए हर एक्टर को खुद को एक्सप्लोर करने का फेयर चांस दिया है. फिल्म का म्यूजिक आपके दिल को छूता है टाइटिल ट्रैक रांझना हल्का सा नशा पैदा करता है. ए आर रहमान का जादू सिर चढ़ कर बोला है और बहुत दिन बाद उनके म्यूजिक में मिट्टी की वही खुश्बू महसूस होती है. अगर आपने प्यार किया है या प्यार पर आपका बिलीव है तो ये फिल्म जरूर देखिए. लेकिन अगर आप को प्यार पर बिलीव नहीं है तो इस फिल्म को जरूर देखिए सच में प्यार हो जाएगा.   Director: Anand L Rai  Cast: Dhanush, Sonam Kapoor, Abhay Deol,Swara Bhaskar

Posted By: Kushal Mishra