2002 में अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले पर आधारित स्टेट सीज : टेंपल अटैक एक जरूरी फिल्म है और दिलचस्प भी। केन खुश चुनिंदा फिल्में बनाते रहे हैं ऐसे में यह फिल्म उन्होंने बेहद सलीके से और सिलसिलेवार तरीके से बनाई है। कहानी में पूरी तरह फोकस टेम्पल अटैक पर ही रखा गया है। अक्षय खन्ना का शानदार अभिनय है। पढ़ें पूरा रिव्यू...

फिल्म : स्टेट ऑफ सीज : टेंपल अटैक
कलाकार : अक्षय खन्ना, विवेक दहिया, गौतम रोड़े , समीर सोनी,मंजरी फडनीस, अभिमन्यु सिंह
निर्देशक - केन घोष
प्लेटफॉर्म-जी5
रेटिंग : तीन स्टार

क्या है कहानी
फिल्म की कहानी 2001 से शुरू होती है। कहानी एनएसजी कमांडो हनूत सिंह( अक्षय खन्ना) के इर्द-गिर्द घूमती है। उनको एक जिम्मेदारी दी जाती है कि वह एक मिनिस्टर की बेटी को बचाएं। ऐसे में हनूत के एक खास दोस्त की मौत हो जाती है। उन्हें मारने वाले आतंकी ही होते हैं। वहां से कहानी के तार, 2002 की तरफ बढ़ जाती है, जहां एनएसजी की टीम गुजरात जाती है। और मंदिर पर हमला होता है। यहां हनूत किस तरह आंतकवादियों के नापाक इरादों को बर्बाद कर देता है, यह आपको फिल्म देखने पर पता चलेगा। आप शुरू में यह फिल्म बॉलीवुड में इस विषय पर बनी बाकी फिल्मों की तरह नजर आ सकती है। लेकिन इस फिल्म का ट्रीटमेंट बेहद जुदा है।

क्या है अच्छा
कहानी का ट्रीटमेंट बेहद अपीलिंग हैं। आप कहानी के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं। कलाकारों का अभिनय भी अच्छा है। सिनेमेटोग्राफी भी अच्छी है। फिल्म का क्लाइमेक्स शानदार है। अच्छा ट्विस्ट है। कहानी का रियलिस्टिक अप्रोच भी अच्छा है।

क्या है बुरा
विषय के लिहाज से देखें तो इससे पहले भी ऐसी कई फिल्में बनती रही हैं। इसलिए आपको शुरुआत में फिल्म बोरिंग लग सकती है। लेकिन बाद में फिल्म अपनी गति को अच्छी तरह बरक़रार रख पाती है

अभिनय
अक्षय खन्ना ने कोई भी चूक नहीं की है। उन्हें देख पर उनकी फिल्म बॉर्डर की याद आयी। विवेक दहिया को फिल्म में अच्छा स्पेस मिला है। अभिमन्यु सिंह इम्प्रेस करते हैं। शेष कलाकारों भी काम अच्छा है।

वर्डिक्ट
रोमांटिक, थ्रिलर, क्राइम से इतर फिल्में देखने वालों को लुभाएगी फिल्म

Review By: अनु वर्मा

Posted By: Shweta Mishra