बीते कुछ वक्त में कुछ तो बदला है. बॉलीवुड मसाला अभी भी हिट है लेकिन फिल्मों की क्वॉलिटी बदलने की आहट साफ-साफ सुनाई दे रही है. पब्लिक के सिर से गैंग्स ऑफ वासेपुर की खुमारी न अभी उतरी है ना जल्दी उतरने के आसार हैं. हमने चुनीं वो चंद फिल्में जिन्होंने इस बदलाव की स्पीड तेज की...

Rang De Basanti
The change: साबित किया कि यंगस्टर्स सिर्फ बेवजह के एक्शन और सेंसलेस कॉमेडी नहीं देखते.
लम्बे वक्त तक देशभक्ति की फिल्मों की स्क्रिप्ट का बेस एक ही रहा, हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच वॉर. यंगस्टर्स की जुबान बोलने वाली रंग दे बसंती ने न सिर्फ देशभक्ति बल्कि यंगस्टर्स को भी इंडियन सिनेमा के लिए रीडिफाइन कर दिया. अपनी दुनिया में मस्त रहने वाले यंगस्टर्स की सोच के इस पहलू का इससे बेहतर पोट्र्रेयल इंडियन सिनेमा में इससे पहले नहीं दिखा. रंग दे बसंती आज भी यंगस्टर्स की मस्ट वॉच लिस्ट में है.

Dabangg
The change:  पर्सनल इमेज भुनाने का फॉर्मूला.

अचानक फिल्मों की कमाई का नया पैरामीटर बन गया 100 करोड़ क्लब यहीं से शुरू होता है. एक्सपेरिमेंटल सिनेमा के दौर में ये ‘सलमान खान’ एक्सपेरिमेंट है. सलमान चुलबुल पाण्डे के बिना शर्ट एक्शन सीन, स्टिफ बॉडी, देसी अंदाज, देसी गाने और देसी गोरी... इन सबके बाद भी एलीट सिनेमा को झटका देते हुए दबंग  एक वीक के अंदर 100 करोड़ से ऊपर कमा ले गई. यहां से शुरू हुआ बेसिरपैर की फिल्मों का ट्रेंड जिन्हें सिर्फ स्टार करिज्मा के सहारे बेचा जाता है. अजय देवगन की सिंहम, अक्षय कुमार का खिलाड़ी इफेक्ट दिखाती राउडी राठौर, जॉन अब्राहम की बॉडी का फुल यूज करने वाली फोर्स जैसी कितनी ही फिल्में दबंग  के फॉर्मूले पर बनी हैं. वैसे ये स्टार फॉर्मूला सलमान खान के सिवा कोई चला सकता है, इस पर शक है.

 

The Dirty Picture
The change: वुमन कैरेक्टर का सेंशुअल पोट्र्रेयल और बोल्डनेस से एक्सपेरिमेंट.
फिल्मों में सेंशुएलिटी और सेक्शुअली लिबरेटेड वुमन कैरेक्टर को दिखाने वाली डर्टी पिक्चर के बाद शायद हीरोइनों के रोल लिखते वक्त राइटर्स दिमागी बंदिशों से आजाद होंगे. डर्टी पिक्चर की सेक्सुअली लिबरेटेड हीरोइन से भी ज्यादा हैरान करने वाला था ऑडियंस का इस फिल्म को लेकर एक्सेप्टेंस. डर्टी पिक्चर की बोल्ड और बिंदास हीरोइन की झलक गैंग्स ऑफ वासेपुर के फायरब्रांड वुमन कैरेक्टर में भी दिखी है.

Gangs of Wasseypur
USP:  रैडिकल सिनेमा
इसका जादू दूसरा पार्ट रिलीज होने के डेढ़ हफ्ते बाद भी कायम है. फिल्म में अधिकतर नाम नए हैं. परिवारों के बीच दुश्मनी के यूनिवर्सल अपील वाले टॉपिक पर बनी ...वासेपुर की खासियत है जोरदार परफॉर्मेंस, साधारण बजट (...वासेपुर के दोनों पार्ट करीब साढ़े 18 करोड़ रुपए में बने हैं), टाइट स्क्रिप्ट, रीयल बैकग्राउंड और रैडिकल म्यूजिक. क्रिटिक्स का मानना साफ है, गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद बॉलीवुड, वो पुराना बॉलीवुड नहीं रह जाएगा.

Posted By: Garima Shukla