आंगनबाड़ी केंद्रों पर यदि ताला मिला तो अब सख्त कार्रवाई होगी। कभी चलते-फिरते हुए किसी आंगनबाड़ी केंद्र को देखने भी जाओ तो उसके गेट पर ताला ही मिलता है।

एक-एक सड़क का ब्योरा जनता और जनप्रतिनिधि को उपलब्ध कराया जाए। जल निगम ने पाइप लाइन के लिए जितनी सड़कों को खोदा है, उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त करे।

प्राइवेट स्कूलों में 5 हजार रुपए की सेलरी पर शिक्षक अच्छा पढा रहा है जबकि सरकारी स्कूलों में 70 हजार रुपए की सेलरी वाले शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे।

नगर निगम की वजह से मेरठ नहीं बना स्मार्ट सिटी

बेसिक शिक्षा पर बदहाली पर राज्यमंत्री की खरी-खरी

जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर लगाए फोन न उठाने के आरोप

Meerut। स्मार्ट सिटी दौड़ से लगातार पिछड़ने पर सोमवार को केंद्र सरकार के नुमाइंदों ने ठीकरा नगर निगम के सिर फोड़ दिया। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में नगरायुक्त डॉ। अरविंद चौरसिया के गैरहाजिर रहने का मुद्दा इस कदर तूल पकड़ा कि सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री डॉ। संजीव कुमार बालियान ने कड़ी तेवर दिखाते हुए कहा कि 'नगर निगम के इन्हीं अधिकारियों की वजह से मेरठ ने स्मार्ट सिटी का दावा खो दिया.' डॉ। बालियान के बयान पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी हामी भरते हुए कहा कि नाकारा अफसरों ने शहर को नरक बना दिया। शिक्षा की बदहाली, आंगनबाड़ी केंद्रों की दुर्गति पर सांसदों ने अधिकारियों को जमकर खरी-खरी सुनाई।

फोन नहीं उठाते अफसर

विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। जनप्रतिनिधियों ने अफसरों पर फोन न उठाने का आरोप लगाया। कहा कि-लेटर्स का जबाव नहीं देते हैं। जिसपर राज्यमंत्री और समिति के अध्यक्ष डॉ। बालियान ने सख्त तेवर दिखाते हुए अधिकारियों को हिदायत दी कि वे जनप्रतिनिधियों के फोन उठाएं और लेटर का जवाब दें। नगरायुक्त समेत नगर निगम का एक भी अधिकारी बैठक में नहीं था। जिसपर सांसद का पारा चढ़ गया और उन्होंने नगरायुक्त और जल निगम के मुख्य अभियंता के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए। सांसद ने चेतावनी दी कि अगली बैठक में गैरहाजिर रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

कूड़ा निस्तारण कैसे होगा?

संासद राजेन्द्र अग्रवाल ने बैठक में नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा करीब ढाई वर्ष पूर्व गावड़ी में कूडा निस्तारण प्लांट की नींव रखवाई गयी थी, जिसके बाद से आज तक कोई प्रगति नजर नहीं आई। मेरठ में 900 मीट्रिक टन कूड़ा हर दिन घरों और बाजारों से निकल रहा है, जिसके निस्तारण का कोई बंदोबस्त नहीं है। नगर निगम के ट्रैक्टर सड़कों के किनारों पर कूड़े को खपा रहे हैं। सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी फैली रहती है।

नहीं आते अधिकारी

विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने शिकायत की कि किसी समस्या के समाधान के फोन करने के बाद भी अधिकारी नहीं आते। सांसद विजयपाल सिंह तोमर, विधायक सत्यवीर त्यागी, बिजनौर सांसद के प्रतिनिधि लखीराम नागर, डीएम अनिल ढींगरा, सीएमओ डॉ। राजकुमार, डॉॅ। मधू वत्स आदि के अलावा समिति के पदाधिकारी मौजूद थे।

कौन बताएगा किसकी सड़क?

बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने गोद लिए गए गांव भगवानपुर चट्टावन की बदहाली बयां करते हुए कहा कि सड़कें खुदी पड़ी हैं। और कोई यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि यह सड़क कब तक बनेगी। बैठक में जब राज्यमंत्री ने पूछा तो भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कंधे उचकाकर खड़े हो गए। जिसपर सांसद का पारा चढ़ गया और उन्होंने अधिकारी को जमकर आड़े हाथों लिया।

क्यों नहीं दे रहे एनओसी?

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने नगर निगम द्वारा पीएनजी और सीएनजी की पाइप लाइन बिछाने के लिए जितनी एनओसी लंबित है। उन्हें तत्काल जारी करने के आदेश सांसद ने दिए। मंगलवार तक सभी केस में एनओसी जारी करने के लिए सूचना देने के निर्देश भी सांसद ने निगम के अफसरों को दिए।

नहीं आ रहे शिक्षक?

सांसद डॉ। बालियान ने स्कूलों में शिक्षकों के न पहुंचने की शिकायत पर बीएसए सतेंद्र ढाका को खड़ा करके जबाव तलब किया। सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 5 हजार वाला अच्छा पढ़ा रहा है तब तो उसके स्कूल में एडमीशन के लिए लाइन लगती है।

बंद मिले आंगनबाड़ी केंद्र?

मेरठ के आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहते हैं। बच्चों का कुपोषण फाइलों में दूर हो रहा है और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से आ रही पंजीरी परचून की दुकानों पर बिक रही है। ब्लाक प्रमुख के इस खुलासे पर बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने हां में हां भरी तो सांसद भड़क पड़े।

Posted By: Inextlive