न खुद पेश हुए और न ही भेजी कोई अर्जी

PRAYAGRAJ: पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी व पूर्व सांसद अष्टभुजा सहित अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर हाजिर करने का आदेश विशेष कोर्ट एमपी एमएलए के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दिया है। कोर्ट ने यह आदेश गैर हाजिर रहने पर जारी किया।

सीजेएम कोर्ट में भी पेश नहीं हुए

पत्रावली का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि इसके पूर्व मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतकबीर नगर कर रहे थे। वहां पर भी अभियुक्तगण हाजिर नहीं हुए। अभी भी अभियुक्त श्याम सुंदर वर्मा, शरद त्रिपाठी, संजीव राय, अष्टभुजा शुक्ल, सत्येंद्र पाल, संतभान राय ग्रीस, जगदम्बा श्रीवास्तव ने जमानत तक नहीं पेश किया। केस संतकबीरनगर जिले के थाना खलीलाबाद में 26 जून 2012 को प्रभारी निरीक्षक पीके शाही ने दर्ज कराया था। रिपोर्ट के मुताबिक सौ से डेढ़ सौ लोग चेयरमैन पद के प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा के साथ मधुकुंज तिराहे की ओर जा रहे थे। जुलूस का आदेश पत्र मांगने पर वह नहीं दिखा सके। इस पर धारा 144 का उल्लंघन पाए जाने पर चालान काट दिया। दरोगा ने रिपोर्ट में कहा कि मामला सात वर्ष से कम की सजा का है, इस लिए गिरफ्तारी नहीं की गई। कोर्ट ने केस की अग्रिम सुनवाई 16 जुलाई मुकर्रर किया है।

पूर्व एमएलसी के विरुद्ध एनबीडब्लू

पूर्व एमएलसी राम नरेश अग्निहोत्री के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ने एनबीडब्लू जारी किया है। केस आचार संहिता के उल्लंघन से सम्बंधित है।

मैनपुरी जिले के थाना विधवां के एसआई राजकुमार ने 13 जनवरी 2017 को एनसीआर दर्ज कराया था। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व एमएलसी राम नरेश अग्निहोत्री ने भाजपा का बैनर पोस्टर बिजली के पोल पर लगा रखा था। यह पोस्टर पार्टी के चुनाव प्रचार से सम्बंधित थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट सारिका वर्मा ने अग्रिम विवेचना का आदेश दिया। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। मुकदमे में अभियुक्त अपनी जमानत तक पेश नहीं किया।

सास की अर्जी सेशन से खारिज

दहेज हत्या के मामले की सुनवाई के बाद सेशन जज अनिल कुमार ओझा ने सास की जमानत अर्जी खारिज कर दिया। मामले में आरोपित सास झोला देवी पत्‍‌नी श्याम लाल निवासी कौवा थाना करछना ने जमानत की अर्जी दी थी। केस में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिनी निर्दोष है। उसे झूठा फंसाया गया है। प्रिया और आशीष के बीच कहासुनी हुई थी। उसी गुस्से में प्रिया ने सुसाइड कर लिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाबचंद्र अग्रहरि ने दम घुटने के कारण उसकी मौत हुई है। अभियोजन के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। जमानत अर्जी खारिज किए जाने के योग्य है।

Posted By: Inextlive