- कार्ड में डिलिवरी से पहले एवं बाद जच्चा-बच्चा की होगी पूरी डिटेल

- 18 से बढ़ाकर 40 पेज का किया गया एमसीपी कार्ड

अब मां और बच्चे को इलाज के दौरान डॉक्टर्स को बीमारी के बारे में ज्यादा बताने की जरुरत नहीं होगी। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संयुक्त रूप से जारी 'मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड' यानि एमसीपी कार्ड में मां और बच्चों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी देने का फैसला लिया गया है। इससे न सिर्फ डॉक्टर्स का काम आसान होगा बल्कि जच्चा-बच्चा को अलग-अलग और पुरानी पर्ची अस्पताल ले जाने से छुटकारा मिल जाएगा।

होगी सहूलियत

स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो इससे पहले एमसीपी कार्ड 18 पेजों का था जिसको अपडेट करके 40 पेजों का किया गया है। जिसमें माता-पिता और घर के परिजनों को भी अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शामिल किया गया है। यह नया कार्ड एक स्वास्थ्य कुंडली की तरह स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही संबंधित पेरेंट्स को काफी सहूलियत देगा।

जच्चा-बच्चा की है पूरी जानकारी

एसीएमओ डॉ। वीएस राय ने बताया मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड के जरिए जननी सुरक्षा योजना से संबंधित लाभार्थी माताओं को सरकार स्वास्थ्य संस्थान एवं प्रमाणित निजी अस्पताल में डिलिवरी कराने पर सहयोग राशि प्रदान कर रही है। साथ ही कार्ड में प्रेगनेंट वूमेन के लिए चलायी जा रही योजनाओं की डिटेल रहेगी।

कार्ड में पूरी कुंडली

कार्ड में माता-पिता का नाम, आयु, पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता के अलावा गर्भावस्था का विवरण, संस्थान का परिचय, प्रसव पूर्व देखभाल, जांच, पेट की जांच, आवश्यक जांच, वैकल्पिक जांच के बिंदुओं को प्रमुखता से उल्लेख किया गया है।

टीकाकरण की भी जानकारी

कार्ड में चित्रों के माध्यम से होने वाली परेशानियों के साथ ही लक्षण व निदान का भी उल्लेख है। प्रसव के लगभग डेढ़ वर्ष तक बच्चों को लगने वाले टीके के बारे में भी पूरा जिक्र किया गया है। मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड निश्चित तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लाभार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसके तहत गर्भावस्था, प्रसव के बाद भी डेढ़ वर्ष तक लगने वाले टीकाकरण के बारे में विशेष फोकस किया गया है।

दी गयी ट्रेनिंग

स्वास्थ्य निदेशालय से आदेश आते ही सोमवार को एमसीपी कार्ड को लेकर सीएमओ डॉ। वीबी सिंह की अध्यक्षता में प्रशिक्षण व कार्यशाला आयोजित की गयी। जिसमें ब्लॉक एवं शहरी प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) और ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को प्रशिक्षित किया गया।

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चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संयुक्त रूप से जारी एमसीपी कार्ड में अब मां और बच्चों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी होगी। कार्ड में इलाज का डेटा होने के साथ ही इसमें स्वास्थ्य योजनाओं की पूरी जानकारी होगी।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ

Posted By: Inextlive