छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पूर्वी भारत में कैंसर के सबसे आधुनिक अस्पताल का बुधवार शाम टाटा समूह के मार्गदर्शक रतन टाटा और चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. एक माह के भीतर इस अस्पताल में कैंसर पीडि़त मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा. टाटा ट्रस्ट द्वारा मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल में तैयार किए गए आधुनिक कैंसर अस्पताल के उद्घाटन के लिए रतन टाटा और चेयरमैन विशेष रूप से बुधवार दोपहर जमशेदपुर पहुंचे थे. टाटा ट्रस्ट ने 72 बेड के अस्पताल को बढ़ाकर 128 बेड किया है.

नहीें जाना होगा बड़े शहर

नई आधुनिक सुविधाओं के कारण इस अस्पताल को कैंसर मरीजों के इलाज के लिए लेवल-1 की श्रेणी मिला है. एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड से अस्पताल संचालन का आदेश मिलते ही मार्च माह के अंत तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा. इसके बाद शहरवासियों को कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या चेन्नई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

सपना पूरा हुआ

अपने संबोधन में टाटा समूह के मार्गदर्शक रतन टाटा ने कहा कि हमारा सपना पूरा हुआ. हमारी कोशिश थी कि कैंसर मरीजों के लिए टाटा ट्रस्ट कुछ योगदान करें इसलिए आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया. जो मरीजों के लिए लाइफ सेवर का काम करेगा. आधुनिक कैंसर अस्पताल के उद्घाटन पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.

ये रहे उपस्थित

टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन, उनकी पच्ी रूचि नरेंद्रन, टीक्यूएम सह स्टील बिजनेस प्रेसिडेंट आनंद सेन, जुस्को एमडी तरूण डागा, वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी, संजीव पॉल, सुधांशु पाठक, अवनीश गुप्ता, उत्तम सिंह, पीईओ एसबी सुंदररमण, टीएमएच के महाप्रबंधक डॉ. राजन चौधरी, टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, महासचिव सतीश कुमार सिंह, टिनप्लेट यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, बीके डिंडा सहित कंपनी के कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

44 वर्षो बाद आधुनिकीकरण

चार फरवरी 1975 को मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन हुआ था. टाटा समूह के चेयरमैन जेआरडी टाटा के प्रयास से इसकी स्थापना हुई थी. उस समय इस अस्पताल में कोबाल्ट यूनिट, एक्स-रे सहित पैथोलाजी उपकरणों द्वारा कैंसर पीडि़त मरीजों का इलाज होता था.

ये हैं अस्पताल की नई सुविधाएं

- डे केयर वार्ड

58 बेड वाले इस वार्ड में मरीज सुबह आकर इलाज कराएं और शाम को घर जा सकते हैं.

-मेडिकल ऑनक्योलॉजी वार्ड

महिला और पुरुष के लिए 12-12 बेड का वार्ड. यहां भर्ती मरीजों को स्पेशल केयर के लिए व्यवस्था की गई है.

-रेडिएशन वार्ड

28 बेड के इस वार्ड में जिन कर्मचारियों को रेडिएशन थैरेपी द्वारा इलाज होगा.

-केबिन

अस्पताल के नए ब्लॉक में आठ केबिन बनाए गए हैं.

-पेलिएटिव केयर वार्ड

आठ बेड के इस वार्ड में एडवांस स्टेज पर आ चुके कैंसर मरीजों के इलाज की व्यवस्था

-पेट्स सिटी

झारखंड की एकमात्र मशीन. ये मशीन बताएगी कि मरीज के शरीर में कहां-कहां कैंसर के सेल्स फैल चुके हैं.

ट्रू बिंब रेडिएशन मशीन

रेडिएशन लिनेक्स एक्सीलेटर मशीन की कीमत लगभग 11 करोड़ रुपये है. ये मशीन शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर क्यों न हो? रेडिएशन द्वारा सीधे उस पर अटैक कर खत्म कर देगा.

चार हजार बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज

एमटीएमएच की निदेशक डॉ. सुजाता मित्रा ने बताया कि उनके यहां प्रतिवर्ष 30 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं. इनमें से लगभग 10 हजार अस्पताल में भर्ती होते हैं. उन्होंने बताया कि यहां प्रतिवर्ष चार हजार कैंसर के नए मरीज ओडिसा, नेपाल, पश्चिम बंगाल, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, रांची व हजारीबाग से आते हैं.

Posted By: Kishor Kumar