इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आईआईटी कानपुर के स्टूडेंट्स के ग्रुप द्वारा तैयार नैनो सेटेलाइट जुगनू का आज श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया. इससे बाढ़ सूखा आपदा प्रबंधन और टेलीकम्यूनिकेशन से जुड़े विषयों पर सूचनाएं एकत्र करने में मदद मिलेगी.


जुगनू आठ सेंटीमीटर चौड़ा और 30 सेंटीमीटर लम्बा सूक्ष्म उपग्रह है, जिसके माध्यम से बाढ़, सूखा, आपदा प्रबंधन और दूरसंचार से जुड़े विषयों पर सूचनाएं एकत्र की जा सकेंगी. इतने छोटे उपग्रह को तैयार करना एक बड़ी चुनौती थी, जिसे इस आईआईटी कानपुर के करीब 40 छात्रों के दल ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है.कैमरा डिजाइन प्लान दो वर्ष पहले तैयार किया गया था और 30 से 40 छात्रों ने लगातार इस परियोजना पर काम किया. इसरो द्वारा श्रीहरिकोटा से बुधवार को पीएसएलवी सी-18 पर तीन नैनो सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे गए हैं, जिनमें जुगनू शामिल है. 
आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड प्रो. नलिनाक्ष व्यास जुगनू प्रोजेक्ट के इंचार्ज हैं. उनकी निगरानी में ही छात्रों ने यह सैटेलाइट बनाया है. छात्रों की कोर टीम श्रीहरिकोटा में ही मौजूद है. जुगनू स्टूडेंट कोर टीम के प्रभारी शांतनू अग्रवाल हैं. मार्च 2010 में आईआईटी कानपुर के स्वर्ण जयंती समारोह में यहां आई राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इस सैटलाइट की तारीफ की थी.

Posted By: Kushal Mishra