ऐतिहासिक मोहर्रम कमेटी में शामिल ताजियादारों के जुलूस के फूल को किया गया कर्बला में दफन

ALLAHABAD: कर्बला के 72 शहीदों की याद में मोहर्रम की दसवीं तारीख को पुराने शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में या अली या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। ऐतिहासिक मोहर्रम कमेटी में शामिल रसूलपुर के चार, करैली के आठ, मेहंदी का फूल, कोलहन टोला की मेहंदी व अलम का फूल, रानीमंडी के दो ताजिया, कीडगंज के दो जुलूस सहित कई ताजियादारों के जुलूस के फूल कर्बला में दफनाए गए वहीं मोहर्रम झूला कमेटी के इमामबाड़े से चकिया स्थित कर्बला में फूल को दफनाने के लिए गमगीन माहौल में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी।

शनिवार को झूला सजाया

झूला कमेटी के इमामबाड़े पर अकीदतमंदों की जियारत के लिए शनिवार को झूला सजाकर रखा गया था। जिसके फूल को दसवीं मोहर्रम को कर्बला में दफनाया गया। दसवीं मोहर्रम पर चौक, नखासकोहना व दरियाबाद इलाकों में दिनभर या अली या हुसैन की सदाएं बुलंद की गई। इन इलाकों के अकीदतमंद दोपहिया व चार पहिया वाहनों से जुलूस की शक्ल में कर्बला पहुंचे और वहां अकीदत के साथ फूलों को दफनाया। दरियाबाद के ताजियादार दुलारे खां, फिरोज अहमद, महमूद दावर व मो। कल्लू ने दरियाबाद कर्बला में जाकर फूल दफन किया। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष निसार खां, महासचिव डॉ। एसएम असलम, मो। फाजिल, नियाज अहमद आदि पदाधिकारी शामिल रहे।

नौवीं को निकला दुलदुल जुलूस

मोहर्रम की नौवीं तारीख शनिवार को चौक स्थित इमामबाड़ा दिलावर हुसैन से दुलदुल का जुलूस निकाला गया। जुलूस लोकनाथ, कोतवाली, रानी मंडी होते हुए इमामबाड़ा आगा महमूद खां पहुंचकर समाप्त हुआ। रास्ते में अकीदतमंदों ने दुलदुल की जियारत कर फूलमाला चढ़ाया।

वारसी कमेटी ने पिलाया शर्बत

दसवीं मोहर्रम को वारसी कमेटी की ओर से अकीदतमंदों की खातिरदारी की गई। नखासकोहना के पास स्थित कमेटी के कार्यालय पर स्टॉल लगाया गया था। जहां से गुजरने वाले हर अकीदतमंद को शर्बत पिलाकर आगे के लिए रवाना किया गया।

Posted By: Inextlive