गार्बेज फ्री रेटिंग में लापरवाही से बिगड़ सकती है रैंक

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की कवायद अंतिम चरण में है लेकिन शहर की जो हालत है उसको देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि मेरठ गार्बेज फ्री रेटिंग यानि जीएफसी रेटिंग में अपने जगह बना पाएगा। शहर में हर प्रमुख सड़क पर कूड़ा बिखरा हुआ है। यहां तक कि कूडे़दान समय से खाली नहीं हो रहे हैं, जिस कारण से कूडे़दान ओवर फ्लो हैं वही स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रमुख फीडबैक अभियान के लिए भी जनता के बीच जागरुकता की कमी है। न निगम प्रयास कर रहा है और न ही प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ऐसे में जनता का फीडबैक प्रतिशत अभी तक काफी कम है।

फीडबैक पर लगाना होगा जोर

अंतिम चरण के इस सर्वेक्षण में निगम को शहर की साफ-सफाई और जनता के अधिक से अधिक फीडबैक के लिए प्रयास करना होगा। तब कहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम और कैंट बोर्ड अपनी रैंक सुधार सकेगा। अभी तक इसके लिए निगम की तैयारी अधर मे है। केवल कैंट बोर्ड स्वच्छता के प्रति जोर लगा रहा है। वहीं फीडबैक के लिए रजिस्ट्रेशन बढ़ाने में भी निगम की सुस्ती हावी है।

लोगों को स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रति पूरी तरह से जागरूक किया हुआ है। प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। अधिक से अधिक महुआ एप डाउनलोड कर लोग अपना फीडबैक दें तो निगम की जीत तय है।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive