निगम के रिकार्ड में दिन और रात दो समय पर हो रही साफ-सफाई

इस माह होने वाले औचक निरीक्षण में फेल हो सकता है निगम का दावा

गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग का दावा, पर गंदगी बरकरार

4500 अंकों के लिए तैयारी, पर नही उठ रहा कूड़ा

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के शुरुआती दो राउंड में मेरठ ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भले ही अपनी रैंक में सुधार कर लिया हो, लेकिन जनवरी में चालू इस अंतिम राउंड में निगम के लिए अंक पाना मुश्किल काम रहेगा। दरअसल, अब निगम के दावों का सत्यापन सेंट्रल टीम और जनता की नजर से होगा। जनवरी में 4500 अंकों की इस लड़ाई में नगर निगम के दावों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान टीम स्वच्छता की जांच करेगी। वहीं जनता से भी फीडबैक लिया जाएगा। जबकि शहर में स्वच्छता केवल कुछ इलाकों तक ही सीमित है। ऐसे में गार्बेज फ्री सिटी का जो दावा निगम ने किया है वह खोखला साबित हो सकता है।

गार्बेज फ्री सिटी में लापरवाही

गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे अहम भूमिका जनता के फीडबैक और गार्बेज फ्री सिटी की रहेगी। इस माह इन दो बिंदुओं पर ही निरीक्षण होगा, लेकिन हकीकत पर नजर डालें तो निगम ने इस दोनो प्वाइंट पर ही लापरवाही बरती है। ना ही जनता जागरुक है फीडबैक के लिए, और ना ही शहर में कहीं साफ सफाई दिखाई दे रही है। निगम के रिकार्ड में दिन और रात दो समय सफाई हो रही है लेकिन काम कहीं नही दिख रहा है। ऐसे में इस माह होने वाले औचक निरीक्षण में निगम का दावा फेल हो सकता है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में सफलता का प्रयास किया जा रहा है। रात्रि कालीन सफाई की रोजाना रिपोर्ट भी ली जा रही है। पार्षदों के सहयोग से वार्डो में साफ सफाई की जा रही है। फिर भी हमारा प्रयास है कि इस बार मेरठ स्वच्छता सर्वेक्षण में सफल रहे।

डॉ। गजेंद्र कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive