- किराए के मकानों की अब तक जांच नहीं कर सके नगर निगम के जिम्मेदार

GORAKHPUR: कॉमर्शियल टैक्स वसूली को लेकर नगर निगम के तमाम दावे फाइलों तक ही सिमट कर रह गए हैं। किराए के मकानों सहित दुकानों तक की जांच कराने के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह के आदेश पर अब तक अमल नहीं हो सका है। हाल ये कि टैक्स वसूली तो दूर इंस्पेक्टर्स अब तक रिपोर्ट तक जमा नहीं कर सके हैं। जबकि आज भी धड़ल्ले से आवासीय भवनों में कॉमर्शियल काम चल रहे हैं। किसी के घर में कोचिंग सेंटर किराए पर चल रहा है तो कहीं किराएदार रखे जाने या हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। ये हाल सामने आया दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में। कॉमर्शियल टैक्स वसूली को लेकर निगम के दावे की पड़ताल करने निकली टीम को जो हालात देखने मिले, वह जिम्मेदारों की उदासीनता का आलम बताने के लिए काफी थे।

स्पॉट - हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग

टाइम - दोपहर 12.25 बजे

जब टीम हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग की तरफ बढ़ी तो वहां लाइन से घरों में दुकान समेत स्कूल, पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड सेंटर खुले मिले। कुछ लोगों से बात भी हुई तो सभी का यही कहना था कि जब नगर निगम के इंस्पेक्टर आएंगे तो कॉमर्शियल टैक्स के रूप में अगर चार्ज किया जाएगा तो फिर देखा जाएगा।

स्पॉट - हनुमान मंदिर रोड, बेतियाहाता

टाइम - दोपहर 12.38 बजे

बेतियाहाता चौराहे से हनुमान मंदिर की तरफ से जाने वाली सड़क पर घरों में ही क्लीनिक से लगाए किराने की दुकान और बुटीक सेंटर तक खुले नजर आए। वैसे तो सिटी में हर तरफ घरों में दुकानें, हॉस्टल आदि खुले नजर आ जाएंगे। लेकिन इस एरिया में धड़ल्ले से लोगों ने अपने-अपने घरों में दुकानें खोल रखी हैं जिसका कॉमर्शियल टैक्स शायद ही अदा होता हो।

स्पॉट - अलहदादपुर रोड

टाइम - दोपहर 1.05 बजे

टीम जब अलहदादपुर रोड की तरफ बढ़ी तो यहां भी घरों में दवा की दुकान से लगाए किराना दुकानें खुली नजर आईं। दुकानदार रमेश, सतीश, शहजाद हुसैन, इमरान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बेरोजगारी के चलते दुकान खोलना मजबूरी है। जब नगर निगम की तरफ से कॉमर्शियल टैक्स की बात सामने आएगी तब देखा जाएगा।

स्पॉट - रायगंज रोड

टाइम - दोपहर 1.30 बजे

इस एरिया में भी कॉस्मेटिक शॉप्स समेत प्रिंटिंग प्रेस की दुकानों की भरमार नजर आई। कई दुकानें घर में संचालित होते हुए नजर आईं। एक घर में परिवार के सदस्य मीना, सुप्रिया से बात की गई तो उनका कहना था कि खर्चे चलाने का सहारा तो दुकान ही है। हाउस टैक्स तो देते ही हैं, अभी तक कॉमर्शियल टैक्स नहीं दिया जाता था। नगर निगम मांगेगा तो फिर देना भी मजबूरी है।

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तीनगुनी रकम वसूलने का बना प्रावधान

सिटी में आवासीय भवनों का कॉमर्शियल यूज करने वालों से तीन गुनी रकम वसूलने का प्रावधान बनाया गया है। मकान का कॉमर्शियल यूज अगर खुद मकान मालिक कर रहा है तो जमीन की कीमत के तीन गुने का नौ प्रतिशत टैक्स के रूप में देने का प्रावधान बनाया गया है। साथ ही संभावित आय पर भी टैक्स देने का प्रावधान है। बता दें, यहां तीन दर्जन से अधिक कॉलोनियों में मकानों का कॉमर्शियल यूज किया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन ने कॉमर्शियल टैक्स की वसूली के लिए नए सिरे से सिटी के विभिन्न एरियाज का सर्वे कराने की बात कही थी। जिसके तहत भवनों के अंदर चल रहे दुकान और किराए पर यूज करने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए टीम का गठन भी किया जाना था। लेकिन टीम कहां और कब गई, निगम के जिम्मेदारों को अभी तक नहीं पता है। नगर आयुक्त का दावा था कि सभी टैक्स इंस्पेक्टर्स को निगम प्रशासन ने आदेश दिया है कि वह टैक्स वसूली के साथ ही भवनों को चिन्हित कर इसकी रिपोर्ट दें जिसपर कुछ ने रिपोर्ट दी लेकिन वे भी फाइलों में बंद होती नजर आ रही हैं।

क्या है निगम की नई नीति

नगर निगम के दावों के मुताबिक, सिटी में अपने घर में दुकान चलाने या किराएदार रखने वालों से होल्डिंग या हाउस टैक्स के रूप में वसूला जाएगा। पहले जहां निगम होल्डिंग टैक्स वसूलने में ही अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाता था वहीं इस बार नई विज्ञापन नीति के तहत होल्डिंग टैक्स को बढ़ाने में जुटा है। नए नियमों के अनुसार घरों में अगर दुकान, किराएदार या कोई अन्य व्यवसाय किया गया तो ये टैक्स कॉमर्शियल हो जाएगा। निगम की ओर से नए टैक्स अधिनियम के तहत ऐसी दुकानों को चिन्हित किया जाएगा जो घर में संचालित हैं। घरों में किराएदार, दुकान, स्कूल, कोचिंग और अन्य किसी तरह से कॉमर्शियल यूज पर टैक्स बढ़ेगा। हालांकि अभी निगम के पास आवासीय भवनों का कॉर्मिशयल यूज करने वालों की संख्या की पूरी जानकारी नहीं है। निगम अधिकारी कर्मचारियों की सूचना के आधार पर ही टैक्स का निर्धारण करते हैं।

फैक्ट फिगर

सिटी में वार्ड - 70

दुकानें - 32,456

ग‌र्ल्स व ब्वॉयज हॉस्टल - 765

प्ले वे स्कूल - 2742

इंग्लिश मीडियम स्कूल - 1432

नोट - टैक्स इंस्पेक्टर्स द्वारा कॉमर्शियल टैक्स वसूली के लिए अधूरे सर्वे की रिपोर्ट औसत में

वर्जन

जिन लोगों ने अपने घरों में दुकान या हॉस्टल समेत स्कूल का बोर्ड लगा रखा है और कॉमर्शियल इस्तेमाल कर रहे हैं, उनसे टैक्स वसूलने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब इसमें तेजी लाई जाएगी।

अंजनी कुमार सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive