नगर निगम ने 25 गुना बढ़ाया कूड़ा जलाने पर जुर्माना

30 रुपए प्रतिमाह निगम वसूला कूड़ा कलेक्शन शुल्क

1000 रुपये संस्थानों को देने होंगे हर महीने

25 हजार का जुर्माना वसूला जाएगा कूड़ा जलाते हुए पकड़े जाने पर

500 रुपए जुर्माने था पहले कूड़ा जलाते हुए पकड़े जाने पर

604 करोड़ का बजट पास किया गया कार्यकारिणी पुनरीक्षित बैठक में

Meerut। शहर से कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम एक दिसंबर से यूजर चार्ज वसूलेगा। यानी कि अब आपको अपने घर का कूड़ा निगम से उठवाना है तो 30 रुपए महीना देना होगा। वहीं, मकान, हॉस्टल, होटल, हॉस्पिटल, स्कूल आदि के लिए यह मासिक शुल्क 1000 रुपए महीना होगा। वहीं कूड़ा जलने के मामलों में निगम कूड़ा जलाने वालों से भी मोटा जुर्माना वसूलेगा।

बढ़ाया है जुर्माना

गौरतलब है कि पहले कूड़ा जलाते हुए पकड़े जाने पर पांच सौ रुपए जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन अब निगम ने इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया है। कुल मिलाकर निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण फैसले बुधवार को आयोजित निगम की पुनरीक्षित बजट बैठक में लिए गए। महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में 604 करोड़ रूपये का पुनरीक्षित बजट को पास किया गया।

रूकने का नही है शौक

नगर निगम में पुनरीक्षित बजट को लेकर हुई कार्यकारिणी बैठक में गांवड़ी गांव में बैलेस्टिक सेपरेटर तकनीक से लगने वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर पार्षद व कार्य कारिणी सदस्य ललित नागदेव ने आरोप लगाया कि जब कैंट में फ्री में प्लांट लग सकता है तो फिर नगर निगम क्यों नहीं लगा रहा है। इस पर नगरायुक्त ने कहा कि आईएलएंड एफएस कंपनी ने फ्री में प्लांट लगाने को कहा था, लेकिन काम ही नहीं किया। इस पर पार्षद ने फिर आरोप लगा दिया और तो नगरायुक्त आहत हो गए। कहा-कार्यकारिणी फैसला कर ले तो मैं काम बंद करा दूंगा। मुझे मेरठ में रूकने में कोई शौक नहीं है, मुख्यमंत्री जी ने कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की जिम्मेदारी देकर भेजा है और मैं प्लांट चालू कराकर ही जाउंगा।

चीफ इंजीनियर का फूटा गुस्सा

पार्षद के आरोपों से फाइनेंस कंट्रोलर संतोष शर्मा भी नाराज हो गए और कहा कितने भी आरोप लगे, वो प्लांट का काम पूरा कराएंगे। हालांकि बाद में सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने नगरायुक्त और एफसी को शांत करा दिया। कहा कि हम आपके साथ हैं। बता दें कि कूड़ा निस्तारण प्लांट लगते ही मेरठ को 117 करोड़ रूपये मिलेंगे। इसके बाद बैठक में चीफ इंजीनियर यशवंत सिंह के दिल का दर्द भी निकलकर बाहर आ गया। बैठक के बीच में ही चीफ इंजीनियर हाथ जोड़कर मेयर सुनीता वर्मा और नगरायुक्त डा। अरविंद कुमार चौरसिया के सामने खड़े हो गए और कहा कि मैं खुद को हेल्पलेस महसूस कर रहा हूं। मुझे कुछ तो पावर दे दीजिए, मैं भी इंजीनियर हूं और हर बात के लिए मुझे पूछना पड़ता है।

यूज हुई प्लास्टिक की बोतल

सिंगल यूज प्लास्टिक यानि एक बार इस्तेमाल करके फेंकने वाली प्लास्टिक और पॉलीथिन पर पाबंदी है और उसका इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है, लेकिन इसको लेकर निगम के आला अधिकारी खुद लापरवाह नजर आए। बैठक में खुद नगर निगम में अफसर और पार्षद प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते दिखे। इसके अलावा बैठक में विज्ञापन, हाउस टैक्स, अवैध कब्जों को लेकर भी पार्षदों ने अधिकारियों से सवाल जवाब करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।

पुख्ता रहे सुरक्षा के इंतजाम

नगर निगम बोर्ड बैठक या फिर कार्यकारिणी बैठक में अक्सर हंगामा हो जाता है। इसलिए इस बार नगर निगम पुनरीक्षित बजट की कार्यकारिणी बैठक टाउन हॉल के बजाय नगर निगम की मीटिंग हॉल में बुलाई गई थी। इसको लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मीटिंग हॉल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। महिला पुलिस को भी तैनात किया गया था।

Posted By: Inextlive