- ठेकेदार और पार्षदों को फायदा पहुंचाने की जुगत

- शासन के आदेश ताक पर रख बोर्ड बैठक में पास करेगा प्रस्ताव

Meerut : नगर निगम एक बार फिर से मैनुअल टेंडरिंग को लागू करने की तैयारी में है। शासन के आदेश को ताक पर रखकर बोर्ड बैठक में ई टेंडरिंग के जगह मैनयुअल टेंडरिंग का प्रस्ताव पास करने की योजना है।

फायदा पहुंचाने की जुगत

ई टेंडरिंग की जगह मैनयुअल टेंडरिंग करने के पीछे पार्षद और ठेकेदारों को फायदे पहुंचाने की बात है। मैनयुअल टेंडरिंग लागू कर नगर निगम के अधिकारी अपने चहेतों को ठेका देने की योजना बनाई है।

13वें वित्त आयोग का पैसे से लाभ

नगर निगम के पास 13वें वित्त आयोग का पैसा शासन से आएगा। उसको जल्द से जल्द विकास कार्यो का टेंडर कर उससे लाभ लेने की योजना बनाई जा रही है।

एक साल पहले लागू हुई ई टेंडरिंग

शासन के आदेश पर नगर निगम एक साल पहले ही ई टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की गई थी। टेंडर को भरने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया था। शासन का ई टेंडरिंग करने का उद्देश्य यह था कि विकास निधि के लिए आया पैसा सही और पूर लगे।

तीसरा मोर्चा करेगा विरोध

तीसरा मोर्चा ने मैनयुअल टेंडरिंग करने की प्रक्रिया का विरोध करने का निर्णय लिया है। मोर्चे के अध्यक्ष तहसीन अंसारी का कहना है कि यह सीधे ठेकेदार और पार्षदों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया जाएगा।

ऐसे होता है लाभ

सूत्रों की माने तो मैनयुअल टेंडर में सभी ठेकेदार अपना-अपना टेंडर भरकर बॉक्स में डाल देते हैं। इसके बाद रात को बॉक्स को खोलकर देखा जाता है कि किस ठेकेदार ने कितनी कीमत डाली है। उसको देखने के बाद वापस उसे लिफाफे में बंद कर रख दिया जाता है। अगले दिन अपने चहेते ठेकेदार से उससे कम कीमत का टेंडर डलवा दिया जाता है।

टैंडर देने में शासन के आदेश का पालन किया जाएगा। ठेकेदारों को टैंडर देने में पारदर्शिता बरती जाएगी।

डीकेएस कुशवाहा

नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive