- शासन को भेजे 187 करोड़ के प्रस्ताव पर अभी भी सहमति का इंतजार

- विकास कार्य नहीं होने से पार्षद कर चुके हैं प्रदर्शन

GORAKHPUR: एक साल पहले नगर निगम में नए बोर्ड के गठन संग जगी शहर के विकास की उम्मीद अब भी अधूरी है। शहर के ज्यादातर वार्डो में पब्लिक सड़क-नाली आदि से जुड़ी समस्याओं से ही पार नहीं पा सकी है। जबकि नगर निगम के जिम्मेदार हैं कि उन्हें बीते एक साल में शहर में चौराहा सौंदर्यीकरण आदि कुछ कामों को लेकर उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने से ही फुर्सत नहीं है।

अधूरे ही रह गए वादे

नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के समय नगर निगम के जिम्मेदारों ने शहर में अधूरे पड़े विकास कार्यो को लेकर बड़े-बड़े वादे किए थे। आंकड़ों पर नजर डालें तो नगर निगम में वर्तमान जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन के बाद पार्षदों ने अपने-अपने वार्डो में जरूरी कार्यो का प्रस्ताव नगर आयुक्त को सौंपा था। जिसमें संशोधन कर 187 करोड़ के प्रस्ताव का डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक इसे सहमति नहीं मिल सकी है। जिसका नतीजा है कि दो दर्जन से अधिक वार्ड ऐसे हैं जिनमें विकास कार्यो के नाम पर कोई निर्माण ही नहीं हो सका है। सिविल लाइंस व रुस्तमपुर एरिया में तो निगम से कई बार गुहार लगाने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो लोगों ने आपस में चंदा लगाकर नाली के क्रॉस बनवाए।

निगम निधि में नहीं है बजट

निगम अधिकारियों की मानें तो नगर निगम आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। निगम निधि में बजट के अभाव के कारण वार्डो के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। निगम निधि में वित्तीय वर्ष 2017-18 का शेष 3,42,33,062 करोड़ रुपए था जिसमें नए वर्ष में 23,81,56,084 रुपए ही मात्र जोड़े गए हैं। इसमें से अभी तक 20 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं और मात्र सात करोड़ रुपए ही बचे हैं। जबकि विपक्षी पार्टियों के पार्षद शहाब अंसारी का आरोप है कि सीएम सिटी होने के बावजूद शहर में बजट के अभाव में विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित हैं।

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पार्षद वरीयता भी ठंडे बस्ते में

वर्तमान कार्यकारणी के गठन के बाद शुरुआती समय में ही वार्डो के विकास के लिए पार्षद वरीयता के तहत 10 लाख का सालाना बजट तय किया गया था। इसके तहत पार्षद हर साल 10 लाख रुपए तक के विकास कार्य करवा सकते थे। शहर के 70 वार्डो के लिहाज से निगम के बजट पर प्रतिवर्ष सात करोड़ का भार पड़ता। सभी वार्डो से पार्षदों ने वरीयता की बजट के लिए प्रस्ताव दे दिया है लेकिन अभी तक शायद ही किसी वार्ड में पार्षद वरीयता के तहत काम शुरू हो सका है।

यह हैं समस्याएं

- शहर को जल जमाव से मुक्त करना था जो नहीं हुआ।

- पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था भी नहीं हो सकी।

- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अभी कागजों में है।

- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़ा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।

- सड़कों पर टहलते आवारा जानवर अभी भी लोगों को घायल कर रहे हैं।

- अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान तो चले हैं लेकिन अभियान खत्म होते ही अतिक्रमण शुरू हो जाते हैं।

- पॉलीथिन व थर्माकोल बैन केवल कागजों में सिमटा हुआ है।

- सफाई कर्मचारियों का मानदेय अनियमित है। जबकि निगम ने खुद देने वादा किया था।

- पार्किंग की समस्या के नाम पर एक साल से केवल योजनाएं बन रही हैं। फिलहाल कोई समाधान भी नहीं दिख रहा।

- फॉगिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। आधे से ज्यादा मशीनें खराब हैं।

- आईजीआरएस पर हुई शिकायतों को भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

- कूड़ा डंपिंग जोन के लिए ग्राउंड की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

निगम ने एक साल में कराए काम

- शहर के 18 पार्क अमृत योजना में स्वीकृत हैं जिसमें सात करोड़ 36 लाख रुपए से आठ पार्क निर्माणाधीन हैं।

- 115 बेड के 6 रैन बसेरे बने हैं और 236 बेड के दो निर्माणाधीन हैं।

- प्राइवेट संस्थाओं के सहयोग से 23 चौराहों का सौंदर्यीकरण।

- आठ करोड़ की लागत से बन रहा कान्हा उपवन।

- नौसड़ में बंधे का सौंदर्यीकरण।

- मोहद्दीपुर व झारखंडी में सीवर निर्माण।

नगर निगम के पास बजट

निगम निधि - 7,19,49,569

पेंशन निधि - 9,82,545

बीमा निधि - 16,25,958

राज्य वित्त आयोग अनुदान - 9,21,45,360

केन्द्रीय वित्त आयोग अनुदान-

49,69,66,354

जवस्थापना विकास निधि- 19,21,40,608

नगरीय सड़क सुधार योजना- 1,46,06,907

नगरीय जल निकासी योजना - 98,06,758

केंद्रीय आपदा राहत अनुदान - 1,25,75,048

अमृत मिशन अनुदान - 1,36,86,933

स्वच्छ भारत मिशन अनुदान - 3,85,88,299

नया सवेरा योजना - 8,69,29,486

अन्येष्टि स्थलों का विकास - 2,84,18,914

कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना - 63,397

यूआईडीएसएमटी - 97,28,179

सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट - 1,67,930

यूआईडीएसएमटी पार्ट-2 - 18,36,920

सीसीबीपी - 42,163

सिटी सेनिटेशन प्लान - 16,414

कोट्स

हमारे वार्ड में सड़क व नालियों की स्थिति काफी खराब हो गई है। हम लोगों ने कई इसके लिए शिकायत की लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं हो रहा है।

- अवधेश सिंह, प्रोफेशनल

मेरा घर वार्ड के अंदर पड़ता है। सड़कें सही नहीं होने के कारण रात में घर जाने की दिक्कत होती है। पूछने पर हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है।

- ओमप्रकाश यादव, बिजनेसमैन

वर्जन

शहर में बहुत से विकास कार्य करवाए गए हैं। नगर निगम एरिया में रैन बसेरे, सीवर लाइन निर्माण, कान्हा उपवन, एलईडी लाइट्स के अलावा मेडिकल कालेज में भी विकास कार्य हुए हैं। विरोध करने वाले राजनीतिक खानापूर्ति कर रहे हैं। अगले साल के विकास कार्यो के लिए भी हम अभी से योजना तैयार कर रहे हैं।

- सीताराम जायसवाल, मेयर

Posted By: Inextlive