-इलाहाबाद क्राइम ब्रांच ने पीएमटी घोटाले में वांछित डॉ। ज्ञानेन्द्र को किया गिरफ्तार

-मध्य प्रदेश पुलिस एक साल से कर रही थी तलाश, 15 हजार का इनाम घोषित कर रखा था

-पीएमटी में कापी साल्व कराने का ठेका लेता था ज्ञानेन्द्र

ALLAHABAD: ये है असली मुन्ना भाई एमबीबीएस। एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद बन गए मुन्ना भाई। जॉब यूपी में करते और खेल एमपी में ताकि किसी को भनक न लगे। पीएमटी के एग्जाम में सेटिंग करके दूसरों की जगह साल्वर को बैठाकर एग्जाम दिलाने का ठेका लेते थे। काम खत्म होते ही यूपी में वापस। लेकिन, इस बार फंस गए क्राइम ब्रांच के चक्कर में। मध्य प्रदेश पुलिस की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने एमबीबीएस डॉक्टर को अरेस्ट कर लिया। उस पर क्भ् हजार रुपए का इनाम घोषित था।

मंत्री और डीआईजी भी जेल में

एसएसपी दीपक कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में पीएमटी परीक्षा के हाई प्रोफाइल घोटाले में एक डॉक्टर का नाम सामने आया था। इस मामले में एमपी पुलिस पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, पूर्व डीआईजी शिवहरे, सीएसपी यशपाल यादव को जेल भेज चुकी है। ये वो बड़े नाम हैं जिनके बारे में किसी ने सोचा भी न होगा कि ये मुन्ना भाई रैकेट में शामिल हैं। इसी रैकेट में शामिल ज्ञानेन्द्र की तलाश की जा रही थी। एमपी पुलिस को सूचना थी कि डॉक्टर ज्ञानेन्द्र इलाहाबाद में शरण लिए हुए हैं।

गऊघाट पुल के पास से अरेस्टिंग

इस बार एमपी पुलिस को पक्की सूचना मिली थी कि डॉ। ज्ञानेन्द्र इलाहाबाद में हैं। उसने एसएसपी से सम्पर्क किया तो उन्होंने क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी को लगा दिया। पुलिस ने शनिवार को गऊघाट के पास से डॉ। ज्ञानेन्द्र को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने बताया कि ज्ञानेन्द्र एडीए कालोनी नैनी में रेंट पर रहता था। वह मूलरूप से रीवां, मध्य प्रदेश का रहने वाला है।

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साल्वर की भूमिका

एमपी पुलिस ने आई नेक्स्ट द्वारा ज्ञानेन्द्र के रोल के बारे में पूछे जाने पर बताया कि वह साल्वर अरेंज करता था। कैंडीडेट से चार से पांच लाख लेकर सेटिंग की जाती थी। फॉर्म भरने के समय से ही खेल शुरू हो जाता था और कैंडीडेट के स्थान पर साल्वर की फोटो लगा दी जाती थी। साथ ही ग्रुप में डील होने पर सभी फॉर्म एक साथ भरे जाते थे ताकि सबको आसपास का रोल नंबर एलॉट हो जाए और वे आपस में मिलकर आराम से पेपर साल्व कर लें। धंधा आराम से चल रहा था। ज्ञानेन्द्र के बंदों की बदौलत कई छात्र मेडिकल कॉलेज में इंट्रेंस क्वालीफाई करके दाखिला भी पा गए। पुलिस ने बताया कि इस रैकेट में शामिल कई और लोग वांटेड हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

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डॉक्टर ने दी सफाई

पकड़े गए ज्ञानेन्द्र ने कहा कि वह निर्दोष है। उसने ग्वालियर से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। क्राइम ब्रांच ने उसे गलतफहमी में पकड़ लिया। लास्ट इयर लोक सेवा आयोग से उसका सलेक्शन हुआ है। उसकी पोस्टिंग मिर्जापुर में है। ज्ञानेन्द्र से उसका रोल नंबर या डिटेल पूछा गया तो उसने नहीं बताया।

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एसटीएफ पहले भी कर चुकी है कार्रवाई

कुछ माह पहले ही छोड़ा बघाड़ा से मध्य प्रदेश एसटीएफ ने तीन लड़कों को इसी फ्राड के मामले में उठाया था। बड़ा खुलासा तब हुआ था जब एसटीएफ ने मेडिकल कालेज में स्टडी करने वाले एमबीबीएस स्टूडेंट्स को इसी आरोप में अरेस्ट किया। तीनों बाहरी लड़के थे और उनका सलेक्शन सीपीएमटी के थ्रू हुआ था।

Posted By: Inextlive