-मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर संजय कम्युनिटी हॉल में शुरू हुआ नाटक मंचन

-डीएम ने किया कार्यक्रम का इनॉगे्रशन

बरेली: आजादी के दौर के महान लेखक और कथाकार जिन्होंने 300 से ज्यादा कहानियां लिखी, इनकी लेखनी ने आजादी की लड़ाई के आंदोलन को आगे बढ़ाने में अहम रोल अदा करने वाले मुंशी प्रेमचंद की 140 वी जयंती के मौके पर संजय कम्युनिटी हॉल में मुंशी प्रेमचंद स्मृति नाटक समारोह शुरू हुए। कार्यक्रम का इनॉगे्रशन डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने दीप जलाकर किया। पहले दिन मुंशी प्रेमचंद के नाटक लांछन का मंचन किया गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

शक से पति-पत्नी में आई दरार

मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित यह पूर्णतया पारिवारिक नाटक है.किसी भी परिवार या समाज की बुनियाद होती है परस्पर विश्वास और आपसी समझ, लेकिन यदि इस पर शक की काली छाया पड़ जाए तो पूरा परिवार ही बिखर जाता है। नाटक में दर्शाया गया कि कैसे नायक श्याम किशोर का खुशहाल परिवार सिर्फ उनकी असुरक्षा की भावना और गुस्से के चलते तथा उनकी पत्‍‌नी की लापरवाही के कारण तबाह हो जाता है। जिसके जिम्मेदार होते हैं उनके परिवार के नौकर और मोहल्ले का शोहदा राजा, जो मिल कर पति-पत्‍‌नी के संबंधों में जहर घोलते हैं।

पत्‍‌नी का करते हैं आगाह

नायक श्याम किशोर जो कि एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और दुनिया और समाज के विद्रुप चेहरे को पहचानते हैंए और इसी असुरक्षा की भावना से वह अपनी पत्‍‌नी को आगाह करते हैं। लेकिन सही शब्दों का उपयोग न करने एवं गुस्से के कारण वह अपनी पत्‍‌नी से दु‌र्व्यवहार कर बैठते हैं। इसका फायदा उठाते हैं उनके घर का नौकर और मोहल्ले का शोहदा। वहीं उनकी पत्नी देवी अपने पति की बात को नहीं समझ पाती जिसका फल यह होता है कि वह इन शोहदों के षड्यंत्र में फंस जाती है।

पुस्तक प्रदर्शनी भी लगी

मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार मधुरेश जी ने वर्ष 1930 में स्थापित पुस्तक प्रतिष्ठान शंकर पुस्तक भंडार द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया।

ये रहे मौजूद

संयोजक कुलभूषण शर्मा, कविता अरोड़ा, एडीएम प्रशासन आरएस दिर्वेदी, डॉ। विनोद पाकरानी, एसीएमओ विनीत कुमार शुक्ला, वरिष्ठ रंगमंच कर्मी जेसी पालीवाल, दानिश जमाल, मोहित सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive