-पति की हत्या में जमानत पर रही डॉ। शिल्पी राजपूत ने देर रात बेहोशी की दवा की ओवरडोज लेकर दी जान

-मौके से मिले सुसाइड नोट में बेटे पर प्रापर्टी के लिए हत्या का जताया था अंदेशा

VARANASI

पति की हत्या के आरोप में जमानत पर रिहा गायनकोलॉजिस्ट डॉ। शिल्पी राजपूत ने गुरुवार देर रात अर्दली बाजार स्थित अपने क्लीनिक के चैंबर में सुसाइड कर लिया। डॉ। शिल्पी ने इंजेक्शन से बेहोशी की दवा का ओवरडोज लिया था। शुक्रवार सुबह चचेरी बहन ने चैंबर का दरवाजा खोला तो उन्हें कुर्सी पर मृत देखा। मौके पर पहुंची पुलिस को सुसाइड नोट मिला जिसमें डॉक्टर द्वारा जिंदगी से ऊबने और बेटे से परेशान होने की बात लिखी मिली।

2007 में पति का हुआ था मर्डर

महाबीर मंदिर, अर्दली बाजार स्थित उमंग नर्सिग होम की संचालिका डॉ। शिल्पी राजपूत (48) के पति डॉ। डीपी सिंह की 13 सितंबर 2007 को मार्निग वॉक के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में पुलिस ने साजिश रचने के आरोप में डॉ। शिल्पी समेत छह लोगों को अरेस्ट किया था। वह जमानत पर जेल से रिहा हुई थीं। उनका इकलौता पुत्र उमंग इंजीनिय¨रग की पढ़ाई के बाद दिल्ली में जॉब करता है। बेटी तृप्ति भी दिल्ली में बीएससी की पढ़ाई कर रही है। वे दोनों दिवाली पर तीन दिन के लिए बनारस घर आए थे। डॉ। शिल्पी के पति सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर थे।

चैंबर में सोने का बनाया बहाना

ड्राइवर नवीन चौबे के मुताबिक देर रात डॉ। शिल्पी ने उसे और गार्ड को क्लीनिक के ऊपर अपने कमरे में बुलाकर कहा कि उन्हें बेचैनी हो रही है। वह नीचे चैंबर में सोएंगी। इसके बाद नवीन ने चैंबर में कंबल लाकर उन्हें दिया। डॉक्टर ने ड्राइवर से यह भी कहा कि सुबह उनकी चचेरी बहन मधुलिका को बुला देना। फिर उन्होंने चैंबर का दरवाजा बंद कर लिया। शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे चचेरी बहन मधुलिका ने आकर चैंबर के दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन न दरवाजा खुला और न डॉक्टर ने कोई जवाब दिया। इसके बाद ड्राइवर ने किसी तरह से दरवाजा खोला तो अंदर डॉ। शिल्पी कुर्सी पर बेसुध पड़ी थीं। गर्दन एक तरफ झुकी हुई थी। झकझोरने पर भी जब वह नहीं उठीं तो मंडुआडीह में उनकी बहन स्मिता राजपूत को फोन पर खबर दी। पति डॉ। विनय के साथ आकर वह शिल्पी को डॉक्टर के पास ले गई मगर उनकी मौत हो चुकी थी। मौके की जांच के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। दिल्ली से चल चुके बेटा-बेटी का इंतजार हो रहा था।

बेटे-बेटी को बताया साइको पेशेंट

मौके पर पहुंची पुलिस को चैंबर में मेज पर एक पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें डॉ। शिल्पी का लिखा मिला कि वह अपनी मर्जी से सुसाइड कर रही हैं। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। यह भी लिखा मिला कि उनके पति डॉ। डीपी सिंह बाईपोलर डिसआर्डर के पेशेंट थे। जिनके साथ 17 साल हैवानियत भरी जिंदगी गुजारी। उन्होंने लिखा है कि अब मुझे समझ आ गया है कि मेरा बेटा उमंग सिंह साइकोपैथ और क्रिमिनल माइंड भी है। वह मुझे मारकर प्रापर्टी पर कब्जा करना चाहता है। बेटी भी डिप्रेसिव साइकोसिया की पेशेंट है और उसे जुवेनाइल रिहैबिलिटेशन की जरूरत है। उसे कृपा करके वहां भर्ती कराएं। मेरी बात कोई नहीं मानता है। आखिर में डॉ। शिल्पी ने पेज पर सिग्नेचर के साथ ही डेट 15 नवंबर और टाइम रात 1.30 बजे भी लिखा है।

नशे की दवा ले रही थी शिल्पी

फैमिली मेंबर्स और ड्राइवर नवीन के मुताबिक डॉ। शिल्पी की मानसिक हालत इधर कुछ महीने से बिगड़ती जा रही थी। वह नशे की दवाएं लेने लगी थीं। डॉक्टर ने उन्हें मना किया था लेकिन वह मान नहीं रही थीं। वह अक्सर घर से बिना बताए निकल जातीं और सुबह बहुत देर तक सोती रहती थीं।

कैमरे में कैद हुआ राज

फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। टीम को चैंबर में कुर्सी के सामने रखी मेज पर दवाइयों का ढेर मिला। जिसमें बड़ी संख्या में सीरींज और बेहोशी वाली दवा की शीशी भी शामिल रही। जिसका डॉ। शिल्पी ने खुदकुशी के लिए इस्तेमाल किया था। फोरेंसिक टीम ने उसे कब्जे में ले लिया। हैंडराइटिंग मिलान के लिए एक डायरी भी ली जिसमें डॉ। शिल्पी ने ¨हदी में फिल्मी गाने और कविताएं लिखी थीं। पुलिस व फोरेंसिक टीम को सीसी फुटेज में दिखा है कि रात डेढ़ बजे डॉक्टर ने खुद को इंजेक्शन लगाया था।

Posted By: Inextlive