-चौक थाने के पास अल सुबह बदमाशों ने सराफा कारीगर को गोली मारकर दिया घटना को अंजाम

-CCTV कैमरे में कैद हुए criminals, एक की हुई पहचान

VARANASI : चौक थाना का छत्तातले एरिया गुरवार की सुबह बड़ी वारदात से दहशत में आ गया। एक मकान की छठवीं मंजिल पर रहने वाले सराफा कारीगर कृष्णा पाटिल (ब्0 वर्ष) को बदमाशों ने गोली मारकर लाखों का सोना लूट लिया। कृष्णा की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों को साथ ही पुलिस को भी घटना की जानकारी देर से हुई। एक अन्य इमारत में लगे सीसी टीवी कैमरे में वारदात को अंजान देने वालों का चेहरा कैद हो गया है। इनमें से एक उस सराफा कारोबारी का रिलेटिव है जिसका सोना कारीगर ने गलाने के लिए लिया था। लूटे गए सोने की कीमत ख्0 लाख रुपये बतायी जाती है।

सुबह दिया घटना को अंजाम

महाराष्ट्र के सांगली का रहने वाला कृष्णा पाटिल छत्तातले में रहकर सोना गलाने का काम करता था। पिछले डेढ़ महीने से वह मुम्बई के धीरज सेठ के छह मंजिला इमारत की छठवीं मंजिल पर किराये पर रहता था। कमरे में ही सोना-चांदी गलाने का काम करता था। मकान के अन्य मंजिल पर मौजूद कमरों में भी सराफा कारीगर किराये पर रहते थे। नवापुरा निवासी धीरज का रिलेटिव बृजेश सेठ मकान की देखरेख करता था। दारानगर निवासी बृजेश का रिलेटिव रवि सेठ भोर में पांच बजे सात सौ ग्राम कच्चा सोना कृष्णा को टंच करने के लिए देकर गया था। सुबह आठ बजे वह मामा गोपाल और बृजेश के साथ सोना वापस लेने गया। कृष्णा के कमरे के दरवाजा बाहर से बंद था। सभी दरवाजे को खोलकर अंदर घुसे तो उनकी चीख निकल पड़ी। खून से लथपथ कृष्णा की लाश जमीन पर पड़ी थी। कमरे से सोना गायब था।

कैद हुआ क्रिमिनल्स का चेहरा

तीनों ने घटना की जानकारी आसपास के लोगों के साथ पुलिस को दी। जल्दी ही सराफा कारोबारियों की भीड़ जुट गयी। सभी घटना से बेहद नाराज थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की जांच की। मौके पर नाइन एमएम का एक खोखा मिला। कृष्णा के सिर के पीछे गोली मारी गयी थी। कमरे में मौजूद सारे सामान व्यवस्थित थे। इससे किसी तरह के संघर्ष का एहसास नहीं हो रहा था। डॉग स्क्वॉड और फिंगर प्रिंट एक्सप‌र्ट्स ने घटनास्थल की जांच की। स्निफर डॉग दूसरी मंजिल तक आकर रुक गया। थाने के पास अलसुबह हुई घटना से परेशान पुलिस को पास ही एक इमारत में मौजूद सीसीटीवी कैमरा नजर आया। उसकी फुटेज की जांच करने पर सुबह सात बजे दो संदिग्ध हाथ में बैग लिए उस इमारत से निकलते नजर आए जिसमें कृष्णा की हत्या हुई थी।

जान-पहचान का था हत्यारा

पुलिस ने फुटेज को रवि और अन्य लोगों को दिखाया तो दोनों संदिग्धों में से एक रवि का मौसा और बृजेश का साढ़ू दिलीप सेठ निकला। पुलिस ने उसके आमदपुर स्थित आवास पर छापा मारा लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। सीओ दशाश्वमवेध जेपी शुक्ला के अनुसार रवि ने दिलीप समेत एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दिलीप को कृष्णा अच्छे से पहचानता था। आशंका है कि दिलीप को कृष्णा के पास सोना होने की जानकारी मिल गयी थी। वह एक अन्य बदमाश के साथ उसके कमरे पर पहुंचा। उसे देखकर ही कृष्णा ने कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर बुलाया। दिलीप और अन्य बदमाश ने कृष्णा को गोली मारकर सोना लूट लिया। इसके बाद बड़े आराम से निकल गए। सोना गलाने के काम में चंादी का उपयोग होता है। आशंका है बदमाश सोने के साथ करीब डेढ़ से दो किलो चांदी भी ले गए होंगे। पुलिस को कमरे से चांदी नहीं मिली है।

रोक के बावजूद हो रहा धड़ल्ले से काम

छत्तातले समेत चौक के बड़े एरिया में सोना-चांदी गलाने का काम चोरी-छुपे लेकिन बड़े पैमाने पर होता है। यह काम भोर में चार बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक होता है। इसमें तमाम हार्मफुल केमिकल्स का यूज होने की वजह से रिहायशी इलाके में इस पर रोक है। सोना-चांदी गलाने के काम में बनारस के कारीगर के साथ बड़ी संख्या में महाराष्ट्र और बंगाल के कारीगर हैं। यह चौक एरिया में मकान किराये पर लेकर रहते हैं और इसमें ही अपना काम करते हैं। सोना-चांदी गलाने के काम में उनकी अच्छी कमाई हो जाती है। हर कारीगर के पास गलाने के लिए लाखों का सोना-चांदी होता है। जबकि सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। कृष्णा जिस मकान में रहता था उसमें भी बड़ी संख्या में बंगाल और महाराष्ट्र के कारीगर रहते हैं।

Posted By: Inextlive