शहर के अंदर मोबाइल डाउनलोडिंग की दुकान चलाने वाले शॉपकीपर्स की सांसत बढ़ती जा रही है.

-मोबाइल की डाउनलोडिंग पर प्राइवेट कंपनी कस रही शिकंजा

-लाइसेंस के लिए मांग रहे आठ हजार, रुपए न देने पर मुकदमा

-20 से अधिक दुकानदारों पर दर्ज कराया केस

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: शहर के अंदर मोबाइल डाउनलोडिंग की दुकान चलाने वाले शॉपकीपर्स की सांसत बढ़ती जा रही है। जिला मनोरंजन कर विभाग से डाउनलोडिंग का लाइसेंस लेकर बिजनेस कर रहे दुकानदारों पर निजी कंपनी का शिकंजा कसने लगा है। पायरेटेड कंटेट बेचने के नाम पर कंपनी के कर्मचारी जबरन लाइसेंस बनवाने का दबाव दे रहे हैं। लाइसेंस न लेने पर मुकदमा दर्ज कराने से हड़कंप मचा है।

दुकानदारों का कहना है कि कंपनी का लाइसेंस लेने के बाद कहीं से कुछ भी कंटेट डाउनलोड कर बेचने की अनुमति मिल जा रही है। कंपनी के लोगों को फर्जी वेबसाइट पर कंटेट मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन दुकानदानों का उत्पीड़न किया जा रहा रहे है। मसला सामने आने पर व्यापार कर अधिकारियों ने दुकानदारों की समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।

सहजनवा में दर्ज कराई एफआईआर, मचा हड़कंप
शहर के अंदर सैकड़ों दुकानदार मोबाइल डाउनलोडिंग काम करते हैं। एक पखवारे से एक कैसेट कंपनी के कर्मचारी शहर में घूम-घूमकर अपनी कंपनी का कंटेट डाउनलोड करने के लिए लाइसेंस बेच रहे हैं। एक साल के लिए आठ हजार रुपए लेकर कंपनी के कर्मचारी लाइसेंस जारी कर रहे हैं। कैसेट कंपनी के कर्मचारियों से लाइसेंस न लेने वाले दुकानदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। 23 सितंबर को कंपनी के कर्मचारी सहजनवा कस्बे में मोबाइल डाउनलोडिंग करने वाले कमलेश की शॉप पर पहुंचे। उससे कंपनी का लाइसेंस लेकर डाउनलोडिंग करने की बात की। उसने कहा कि मनोरंजन कर विभाग का लाइसेंस उसके पास है। कंपनी के कर्मचारियों ने कमलेश के खिलाफ सहजनवा थाना में कापी राइट एक्ट का उल्लंघन का मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद से जिले के कारोबारियों में हड़कंप मचा है।

लाइसेंस लेकर करते रहिए फर्जी डाउनलोडिंग
दुकानदारों का कहना है कि डाउनलोडिंग के लिए तमाम वेबसाइट हैं। उन्हीं के जरिए लोग फिल्म, गाने और अन्य कंटेट्स डाउनलोड कर बेचते हैं। जिला प्रशासन से डाउनलोडिंग की अनुमति होने से कोई भी दुकानदार कहीं से मैटेरियल्स डाउनलोड कर लेता है। मार्केट में कार्रवाई कर रहे कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि उनका लाइसेंस लेने वाले ही उनकी कंपनी का कटेंट यूज कर सकेंगे। लाइसेंस लेने पर दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। दुकानदारों का कहना है कि जब वह कंपनी की साइट यूज नहीं कर रहे तो उन पर कार्रवाई क्यों की जा रही है। फर्जी साइट्स के जरिए पायरेसी करने वालों पर रोक लगानी चाहिए। लेकिन दुकानदारों से आठ हजार रुपए लेकर लाइसेंस देने के बाद कंपनी कर्मचारी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं जता रहे। लाइसेंस लेने के बाद कहीं से कोई आडियो-वीडियो कंटेट डाउनलोड करने की अनुमति मिल जा रही है। कंपनी के कर्मचारियों की मानें तो शहर में रोजाना अभियान चलाया जा रहा है। एक पखवारे के अंदर 20 से अधिक लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है।

हमारी कंपनी का कंटेट डाउनलोड करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। कंपनी की साइट से कोई भी कंटेट डाउनलोड कर उसे बेचना गैर कानूनी है। यह पायरेसी के नियमों का उल्लंघन है। इसलिए ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
प्राजंल शर्मा, कंपनी अधिकारी

दुकानदारों ने इस बात की शिकायत दर्ज कराई है। ट्रेनिंग के सिलसिले में हम बाहर हैं। गोरखपुर लौटकर इस प्रकरण को सॉल्व करने का प्रयास करेंगे। फर्जी साइट्स पर तमाम तरह के कंटेट उपलब्ध हैं। इसलिए लोग आसानी से उसे यूज कर लेते हैं। इन परिस्थितियों में इस समस्या के समाधान के लिए कोई विकल्प तलाशा जाएगा।
प्रभात कुमार चौधरी, व्यापार कर अधिकारी

Posted By: Inextlive