स्वीडिस बैंड के मेंबर राबर्ट वाल्हस्ट्रोम ने कहा भाषा समझने में समय लगता है, पर म्यूजिक नहीं

स्वीडिस बैंड के मेंबर राबर्ट वाल्हस्ट्रोम ने कहा भाषा समझने में समय लगता है, पर म्यूजिक नहीं

PATNA (9 Feb) :

PATNA (9 Feb) : सूफी सूत्रा के लास्ट डे संडे को प्रेमचंद रंगशाला में ऑर्गनाइज कन्सर्ट में देशी-विदेशी आर्टिस्टों ने जबरदस्त परफॉरमेंस दी। वेस्ट बंगाल की बाउल फकीर, स्वीडेन की डबार्कब्रोडर एक्सटेन्डेड और बांग्लादेश की अर्नब एण्ड फ्रेंड्स के आर्टिस्टों ने जब डे टाइम में एक साथ सूफी और ट्रेडिशनल म्यूजिक के साथ तान छेड़ी, तो आडियंशन ने अपनी सांसें थाम ली। इसमें बिहार के आर्टिस्टों ने भी साथ दिया। सच ही कहा गया है कि म्यूजिक को किसी बाउंड्री में नहीं बांधा जा सकता। जब एक साथ रियाज के बाद सभी सिंक्रोनाइजेशन करने लगे, तो फिर क्या कहना। ऐसा दौर घंटों चला और महफिल हो गई सूफियाना।

स्वीडिस म्यूजिक में ट्रेडिशनल इंस्टूमेंट के साथ गाना एक हैबिट सी है। इसी की एक झलक इस बैंड में भी दिखाई दी, पर इस बैंड में थोड़ा नया यह है कि इसमें कन्वजेंश भी काफी है। शायद यही वजह है कि बैंड के आर्टिस्टों ने बांग्लादेश और वेस्ट बंगाल के आर्टिस्टों के साथ सहजता के साथ म्यूजिक परफॉर्म किया। स्वीडिस बैंड के मेंबर राबर्ट वाल्हस्ट्रोम से बातचीत के प्रमुख अंश

वेस्ट बंगाल और बांग्लादेश के आर्टिस्टों के साथ परफॉर्म कर कैसा फील हुआ?

यह शायद पहली बार है, जब हमलोग स्वीडन की पोल्सका ट्रेडिशन से थोड़ा हटकर इंडियन क्लासिकल म्यूजिक के साथ सिक्रोनाइज किए। अद्भुत लगा।

आपकी स्वीडिश म्यूजिक की खास बात क्या है?

इसमें सिंगिंग, म्यूजिक और डांस सबकुछ एक साथ चलता रहता है। इसका अभ्यास हमलोग न केवल घंटों करते हैं, बल्कि इसका कन्सर्ट भी घंटों चलता है। हमलोग संगीत की धुन में खो जाते हैं।

म्यूजिक को आप कैसे डिफाइन करते हैं?

म्यूजिक इज यूनिवर्सल लैंग्वेज। भाषा समझने में समय लगता है, लेकिन म्यूजिक में ऐसा नहीं है। जो कुछ सुकून दे, वह म्यूजिक ही है।

आपके म्यूजिकल बैंड में खास क्या है?

इस बैंड में स्वीडिश ट्रेडिशन इंस्टूमेंट जैसे निखारतम और नॉयड, एक प्रकार का ड्रम का यूज खूब किया जाता है। यह अन्य बैंड में देखने को नहीं मिलता, लेकिन इसमें एक्सपेरिमेंट बेस पर भी काम होता है।

इंडिया आकर कैसा लगा?

यहां की हॉस्पिटैलिटी बहुत अच्छी लगी।

Posted By: Inextlive