RANCHI : एक ओर शहर मां सरस्वती की विदाई दे रहा था ओर दूसरी ओर मां सरस्वती के वरद पुत्र संगीतकार बुलू घोष इस दुनिया को छोड़ गए। सोमवार की रात वे बीएयू में कार्यक्रम देकर आए थे। सबकुछ ठीक-ठाक था, लेकिन दोपहर के समय 11.45 पर वे अपनी छत पर अचानक गिर पड़े। उन्हें तत्काल सेंटेविटा अस्पातल ले जाया गया, लेकिन तब तक सांसों ने उनका साथ छोड़ दिया था। परिजनों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ था.घर पर कलाकारों का तांता लग गया। पत्‍‌नी व गायिका मिताली घोष का संसार सुना हो गया था। वे चुप्प थीं। पूरे घर में एक चुप्पी पसर गई थी।

आज होगा अंतिम संस्कार

उनके शव को केसी रॉय मेमारियल अस्तपाल के फ्रीजर में रखा गया है। बेटा बेंगलुरु गया है। उसके आने के बाद बुधवार की सुबह दस बजे के आस-पास हरमू मुक्तिघाट में दाह संस्कार किया जाएगा। बुलू पापा के एक ही बेटा है दीपायन और एक बेटी। दोनों की शादी हो गई है। दीपायन दिल्ली में किसी कंपनी में काम कर रहे हैं।

अंतिम कार्यक्रम, अंतिम शब्द

बुलू घोष को लोग बुलू पापा कहते थे। पापा के पीछे एक कारण था। उन्होंने न जाने कितने नवोदित कलाकारों को सुर सिखाए। उन्होंने एक दिन पूर्व बिरसा कृषि विवि में कार्यक्रम पेश किया और उसकी फोटो अपने फेसबुक पर लोड की और दो शब्द भी लिखे ग्रेट फिलिंगपरफार्मड प्लेस बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीआफटर 27 ईयर्स। बुलू पापा को क्या पता था कि यह उनका अंतिम कार्यक्रम है और फेसबुक पर जो शब्द लिख रहे हैं, वह उनकी अंतिम सार्वजनिक अभिव्यक्ति बन जाएगी?

1974 में शुरू किया आर्केस्ट्रा

बुलू पापा ने रांची में 1974 में आर्केस्ट्रा शुरू की। तब कहा जाता है कि बिहार का अकेला यह ग्रुप था। इसके बाद बीप्स म्यूजिक के माध्यम से सैकड़ों कैसेट निकाले। यूट्यूब चैनल पर उन्हें सुना जा सकता है। एक दर्जन से अधिक फिल्मों में संगीत दिया है। कई धारावाहिकों में भी संगीत दिया। संताली, ओडि़या, बंगाली, मगही, नागपुरी आदि फिल्मों जैसे बिरसा उलगुलान, प्यार होए गेलक, सजना अनाड़ी आदि नागपुरी फिल्मों में भी संगीत दिया।

Posted By: Inextlive