मुजफ्फरनगर दंगो की जांच करने वाली विष्‍णु सहाय कमेटी ने यूपी के राज्‍यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सपा और बीजेपी के स्‍थानीय नेताओं की भूमिका को संदिग्‍ध माना है। रिपोर्ट के अनुसार इन नेताओं ने दंगे भड़काने की कोशिश की थी।


775 पन्नों की है रिपोर्टसाल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों की जांच कर रहे रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। आयोग ने इन दंगों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने 775 पन्नों की इस रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं। फिलहाल रिपोर्ट आने के बाद इस मामले की जांच और तेजी से आगे बढ़ेगी, ताकि दोषियों पर शिकंजा कसा जा सके।60 लोगों की हुई थी मौत
आपको बताते चलें कि साल 2 साल पहले हुए इन दंगों में कुल 60 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं तकरीबन 50,000 से ज्यादा लोगों को बेघर होना पड़ा था। राज्यपाल राम नाइक को सौंपी गई इस रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोग ने 101 अधिकारियों और 377 आम लोगों से पूछताछ की। वैसे इस जांच आयोग का गठन उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने ही किया था। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जस्टिस सहाय ने कहा, दंगा कहां से शुरु हुआ, इस पर वह कुछ नहीं बोलेंगे। रिपोर्ट में सारी बातें लिख दी गई हैं। मामले की जांच में किसी तरह की रुकावट नहीं आई सभी लोगों का सहयोग मिला।inextlive from India News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari