सीसीएस यूनीवर्सिटी पहुंची गर्वनर ने दीक्षांत भाषण में उठाए सामाजिक मुद्दे

एक सोशल टीचर की तरह समाज को किया जागरूक

वेस्ट यूपी की समस्याओं को लाई सामने, समाधान का लिया वचन

Meerut। 'मेरा दीक्षांत समारोह, सोशल चेंज वाला है.' सोमवार को मेरठ के सीसीएस यूनीवर्सिटी के 31 वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर 52 मिनट तक भाषण दिया। गत एक माह में दूसरी बार मेरठ आगमन, और दोनों ही आयोजनों में राज्यपाल की सामाजिक चिंता कहीं न कहीं एक शीर्ष अभिभावक की भूमिका को पूरा करती नजर आई। देश-प्रदेश की ज्यादातर सामाजिक समस्याओं पर राज्यपाल ने सबका ध्यान खींचा।

प्रधानमंत्री की सराहना

राज्यपाल ने कहा कि 2 अक्टूबर को ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। इस दिन को दोनों महापुरुषों के आचरण को जीवन में धारण कर मनाएं। शांति, स्वच्छता, सेवा का संदेश राष्ट्रपिता ने देश को दिया था, हमें भी ऐसा करना चाहिए कि जिससे जीवन में गलतफहमियां न आएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएस में हुए भाषण की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने यूएस में सामाजिक मुद्दों को उठाया। उन्होंने विकास, स्वच्छता, टीबी मुक्त भारत, जलवायु परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना समेत अन्य योजनाओं का जिक्र किया और बताया कि किस तरह यह योजनाएं एक आम भारतीय का जीवन स्तर सुधार रही हैं।

'सेल्फी विद् डाटर'

पीएम नरेंद्र मोदी के 'सेल्फी विद डाटर' अभियान की सराहना करते हुए राज्यपाल ने बेटियों के सम्मान का आदेश दीक्षांत समारोह के मंच से दिया। उन्होंने कहा कि नारियों का सम्मान होना चाहिए। दीक्षा हासिल करने वाले छात्रों से उन्होंने कहा कि वे हर गांव-गली में जाकर प्रतिभाशाली महिलाओं को तलाशें और उन्हें सम्मानित करें। महिलाओं के शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश में सेक्स रेशियो तेजी से घट रहा था, हालांकि अब सुधार है। हमें और अवेयर की आवश्यकता है। पूर्व में बेटी का जन्म होते ही उसे पानी, दूध और मिश्री मिलाकर पिला दिया जाता था जिससे उसकी मृत्यु हो जाती थी। सती प्रथा पर राज्यपाल ने कहा कि भला हो हमारे पूर्वजों का जिन्होंने कुप्रथा के अंत के लिए अंग्रेजों पर दबाव बनाकर एक्ट बनवाया।

फर्ज से दगा न करें

सोनोग्राफी का अविष्कार गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत की जांच के लिए किया गया है। डॉक्टर बच्चे की सेहत की जांच करते-करते उनका लिंग भी बताने लगे। पहले तो बच्ची को पैदा होने के बाद मारते थे और आज तो गर्भ में ही मार देते हैं। कुप्रथा पर पीड़ा व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डाक्टरों को अपने फर्ज से दगा नहीं करना चाहिए। उन्होंने इशारे में कहा कि जल्द ही प्रदेश में ऐसे डॉक्टर जो लिंग परीक्षण करते हैं उनके खिलाफ छापेमारी अभियान चलेगा। इसके अलावा आजकल डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेशनल सभी गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण करा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गुजरात में बेटियों के संरक्षण के लिए 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और पीएम के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की जानकारी उन्होंने दी। गर्भपात को रोकने के लिए सभी से राज्यपाल से संकल्प लिया।

बेटियों की केयर करें

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की हर यूनीवर्सिटी को 5-10 गांवों को गोद लेना चाहिए। यूनीवर्सिटी के छात्र और स्टाफ इन गांवों में जाएं और चेक करें कि किसान की बेटी स्कूल जा रही है कि नहीं, उसकी पढ़ाई निरंतर चल रही है कि नहीं। गांव के सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं कि नहीं। गांव में महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं कि नहीं। महिला स्वास्थ्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रसूता के खानपान और इलाज का हर हाल में ध्यान रखा जाए। सरकार की ओर से मिल रहे 6 हजार रुपए उसके खानपान पर ही खर्च हों। 100 प्रतिशत डिलीवरी हॉस्पीटल में हो।

2025 तक टीबी फ्री होगा इंडिया

पीएम नरेंद्र मोदी के वायदे को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि देश 2025 तक टीबी फ्री होगा। मेरठ में 345 टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने पर उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की पीठ थपथपाई। कहा कि सभी को टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेना चाहिए। अधिकारी और समाजसेवी टीबी ग्रस्त बच्चों के घर तक भोजन और खाद्य सामग्री पहुंचाएं।

भारत युवाओं का देश

दीक्षांत समारोह में शामिल युवाओं की आंखों के देश के भविष्य का सपना डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्व में भारत ही इकलौता ऐसा देश है जिसमें सर्वाधिक 65 प्रतिशत युवा हैं। युवाओं में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि विश्वपटल पर भारत को छा जाना है, यह समय आपके लिए है। विदेशों में आबादी में युवाओं की भागेदारी कम हैं। इसीलिए भारत से किसानों को बुलाया जा रहा है। कि वे वहां पहुंचकर खेती करें।

सुने 'मन की बात'

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से देश के युवाओं के लिए विदेशों में अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने पीएम के मन की बात कार्यक्रम सुनने की अपील करते हुए कहा इसके कुछ भी राजनैतिक नहीं है। इस कार्यक्रम में आपके-हमारे बीच के ऐसे लोगों के बारे में चर्चा होती है जिन्होंने कम संसाधनों में अपनी मेहनत और लगन से नाम रोशन किया है। समाज को नसीहत देते हुए राज्यपाल ने कहा कि समाज समस्याओं और कुरीतियों मुक्त होना चाहिए। क्योंकि अल्टीमेटली नुकसान हमारी बेटियों का ही होता है। जीवन हमारी बेटियों का ही बर्बाद होता है।

Posted By: Inextlive