प्राइवेट नौकरी के महत्व को बताते हुए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी पहली सैलरी 4000 रुपये थी जिसमें से 3000 रुपये हर महीने उनके स्कूटर के पेट्रोल पर खर्च हो जाते थे।


पणजी (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री सावंत ने कहा, 'अपना बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद, मेडिसिन एंड सर्जरी) की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं असमंजस में था कि नौकरी खोजूं या खुद की प्रैक्टिस शुरू करूं। बृहस्पतिवार को उन्होंने माॅडल करियर सेंटर लांच किया। यह सेंटर गोवा सरकार और गोवा चैप्टर ऑफ द काॅन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने संयुक्त रूप से शुरू किया गया है।सरकारी नौकरी का मिला मौकामुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने अपनी पहली जाॅब आयुर्वेद मेडिकल काॅलेज में 4,000 रुपये के वेतन से शुरुआत की। इनमें से 3,000 रुपये कोथांबी से शिरोदा तक टू व्हीलर के पेट्रोल पर खर्च हो जाता था। नौ महीने बाद मुझे अहसास हुआ कि ऐसे तो जीवन नहीं चल सकता। तो मैंने पाली पंचायत स्थित अपने गांव में अपने क्लीनिक में प्रैक्टिस शुरू की। मुझे सरकारी नौकरी का मौका मिला था।'माॅडल करियर सेंटर से जाॅब
बाद में उन्होंने सरकार नौकरी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर फुल टाइम राजनीति शुरू कर दी। सावंत पेशे से डाॅक्टर हैं। उन्होंने कोल्हापुर के गंगा एजुकेशन सोसाइटी के आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज से बीएएमएस की पढ़ाई की। सावंत ने कहा कि माॅडल करियर सेंटर युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में उनकी प्रतिभा के साथ काम दिलाने में मदद करेगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh