आईओए के संविधान में बदलाव के बाद भनोट अब आईओए का चुनाव तक नहीं लड़ पाएंगे. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति या आईओसी से क़रीब 14 महीने तक निलंबित रहने के बाद आख़िरकार भारतीय ओलंपिक संघ अपनी सदस्यता बहाली की राह पर आगे बढ़ा है.


बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन के भाई और वर्ल्ड स्क्वॉश फ़ेडरेशन के अध्यक्ष एन रामचंद्रन भारतीय एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं.रविवार को हुए चुनावों में रामचंद्रन को निर्विरोध चुन लिए गया.भारतीय ओलंपिक संघ यानी आईओए की सदस्यता बहाल करने से पहले आईओसी की सबसे बड़ी शर्त यह थी कि एसोसिएशन 'साफ़ छवि' वाले पदाधिकारियों को चुने.हालांकि चुनाव आईओसी की मंशा के अनुरूप कराए गए हैं लेकिन आईओए की सदस्यता की बहाली आईओसी के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आने के बाद ही होगी.विशेष बैठकचुनाव के पहले आईओए की कार्यकारी समिति की एक विशेष बैठक हुई. इस बैठक में आईओसी के कहे अनुसार आईओए ने अपने संविधान में बदलाव किया.नए नियमों को इस तरह से बनाया गया है कि कोई भी 'ऐसा आदमी जिसके ख़िलाफ़ आरोप तय कर दिए गए हों' आईओए में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभा पाए.


इसका अर्थ यह हुआ कि ललित भनोट या उनकी तरह के विवादित लोग अब समिति में कोई पद नहीं ले पाएंगे.भनोट के ऊपर 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर आरोप तय हो गए हैं.आईओए के संविधान में बदलाव के बाद भनोट अब आईओए का चुनाव तक नहीं लड़ पाएंगे.

एन रामचंद्रन के अलावा, खोखो फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष राजीव मेहता और ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल खन्ना भी निर्विरोध महासचिव और कोषाध्यक्ष चुने गए हैं.पर्यवेक्षकस्विमिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सीईओ वीरेंद्र नानावटी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है.कुछ लोगों को जो बात अजीब लग सकती है वो यह है कि ना ही स्क्वॉश ना ही खोखो ओलंपिक खेलों का हिस्सा हैं.रविवार को हुए चुनाव के दौरान आईओसी की तरफ से पेरे मीरो, फ्रांसिस्को एल्ज़ाल्ड और हुसैन अल मुसल्लम बतौर पर्यवेक्षक मौजूद थे.आईओए को दिसंबर 2012 में ललित भनोट और अभय सिंह चौटाला जैसे विवादित लोगों को चुनने के बाद उठे बवाल के चलते निलंबित कर दिया गया था.

Posted By: Satyendra Kumar Singh